आरोप लगाकर पीछे हटना वीरभद्र की पुरानी आदत: सत्ती

Edited By ,Updated: 31 Jan, 2015 04:23 PM

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प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि पार्टी मुख्यालय पर हुए हमले के मामले को प्रमुखता से विधानसभा में उठाया जाएगा।

ऊना (सुरेन्द्र): प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि पार्टी मुख्यालय पर हुए हमले के मामले को प्रमुखता से विधानसभा में उठाया जाएगा। विरोध प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए भाजपाध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल ने भी इस घटना की निंदा करते हुए रिपोर्ट तलब की है। सरकारी अधिकारियों व पुलिस के कुछ लोगों की जो भूमिका रही है, उसकी सूची भाजपा ने तैयार कर ली है। 
 
उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और पूरे प्रदेश में अब आंदोलन खड़ा किया जाएगा। हमले को उन्होंने काला अध्याय 
करार देते हुए कहा कि ऐसी सरकारी गुंडागर्दी प्रदेश के हालात को बयां करते हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेश में शांत माहौल को खराब करने का षडयंत्र रच रहे हैं तथा झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि जब वीरभद्र सिंह से जवाब मांगा जाता है, तो वह सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र ने प्रदेश में धूमल परिवार के विरुद्ध षडयंत्र की राजनीति शुरु की है और आधारहीन आरोपों के जरिए अधिकारियों को भी लपेटने का प्रयास किया जा रहा है। 
 
सत्ती ने कहा कि शिमला की घटना में शामिल सी.आई.डी., पुलिस व एक पी.एस.ओ. सहित 10 के करीब पुलिस कर्मियों के नाम राज्यपाल को दिए गए हैं। जो लोग इस पूरी घटना में युवा कांग्रेस के साथ सादा वर्दियों में मौजूद रहे हैं। वह विस के आने वाले सत्र में खनन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। उन्होंने इस संबंध में आंकड़े एकत्रित कर लिए हैं। 
 
किन-किन लोगों को कब-कब नोटिस भेजे गए और कौन लोग खनन में संलिप्त हैं इसकी पूरी सूची तैयार कर ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह खनन के मामले में विस में तथ्यों के साथ बात रखें। सत्ती ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री सही तथ्य नहीं दे पाए तो वह राजनीति छोडऩे के लिए तैयार रहें। सत्ती ने कहा कि पहले आरोप लगाना फिर उनसे पीछे हटना वीरभद्र सिंह की पुरानी आदत है। 
 
भाजपाध्यक्ष ने कहा कि जब शांता कुमार प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो वीरभद्र सिंह हमेशा भाजपा नेता जगदेव सिंह की प्रशंसा कर शांता कुमार की आलोचना करते थे। अब जब धूमल प्रदेश के नेता हैं तो वह धूमल के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश निकालने के लिए आरोप लगाते हैं और शांता कुमार का गुणगान करते हैं। पिछले 2 वर्ष में धूमल के खिलाफ निजी रंजिश के चलते कई केस दर्ज किए हैं। हर सभा में वीरभद्र सिंह केवल मात्र भाजपा नेता धूमल का ही गुणगान करते हैं। 
 
उन्हें धूमल से ही भय लगा रहता है। आने वाले चुनावों में वीरभद्र सिंह को लोकसभा चुनावों की तर्ज पर ही करारी हार का सामना करना पड़ेगा। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को हराकर उनका बोरिया बिस्तरा बांधने की बातें करने वाले वीरभद्र सिंह अपनी पत्नी को भी चुनाव नहीं जिता पाए। उन्होंने कहा कि स्वयं अपने विस हलके से वह पार्टी को लीड नहीं दिलवा पाए और वहां कांग्रेस की करारी हार हुई।

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