हरियाणा की वजह से पंजाब भी पड़ा मुश्किल में

Edited By ,Updated: 04 Mar, 2015 01:26 PM

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पिछले 2 सालों से चल रहे आर्थिक सकंट का दौर अब सरकारी कर्मचारियों से इलावा पंजाब के आई. ए. एस., आई. पी. एस. और इंडियन फारैसट सर्विस के सैकड़ों अधिकारियों पर भी लगने लग गया है।

चंड़ीगढ़: पिछले 2 सालों से चल रहे आर्थिक सकंट का दौर अब सरकारी कर्मचारियों से इलावा पंजाब के आई.ए.एस., आई.पी.एस. और इंडियन फारैसट सर्विस के सैकड़ों अधिकारियों पर भी लगने लग गया है।

वित्त विभाग के अनुसार 1 जनवरी 2014 से 10 फीसदी डी.ए. की किश्त और 1 जुलाई 2014 से 8 फीसदी मंहगाई भत्ते की दूसरी किश्त से केंद्रीय सर्विस के इन सैंकड़ों अधिकारियों को अलग रखा गया है। जानकारी के अनुसार हर महीने 18 फीसदी ज्यादा डी.ए. यानि 14000 रुपए कम तनख़्वाह, पंजाब सरकार के आई.ए.एस. अधिकारी को मिलती है जबकि हरियाणा में उसी रैंक पर काम कर रहे अधिकारी 18 फीसदी मंहगाई भत्ते समेत 1,74,000 रुपए और जूनियर अधिकारी को 60,000 रुपए तनख़्वाह पर 118 फीसदी डी.ए. डालकर 1,30,800 रुपए कुल तनख़्वाह मिलती है।

बताया जा रहा है कि जब इस बारे में वित्त विभाग में लगे आई. एस. अधिकारियों के साथ संर्पक किया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि खजाने, तनख़्वाह और भत्तों का इतना भार है कि पंजाब की कुल आमदनी से 75 फीसदी रकम और सरकारी कर्मचारियों की तनख़्वाह से चली जाती है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने इशारा किया कि केंद्र ने तो 7 वां तनख़्वाह कमिश्न भी बिठा दिया है। जिस की सिफारिशों की तरफ जा कर, पंजाब समेत और सूबियों के लिए मुसीबतें खड़ी होगीं।
 

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