Edited By ,Updated: 11 Feb, 2016 02:48 AM
शादी का झांसा देते हुए युवती से दुष्कर्म करने के आरोपी भिवानी के करण सिंह को महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की विशेष कोर्ट की महिला जज अंशु शुक्ला ने दोषी करार दिया है। दोषी को 12 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। थाना-39 पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 28...
चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): शादी का झांसा देते हुए युवती से दुष्कर्म करने के आरोपी भिवानी के करण सिंह को महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की विशेष कोर्ट की महिला जज अंशु शुक्ला ने दोषी करार दिया है। दोषी को 12 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। थाना-39 पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 28 मार्च, 2014 को केस दर्ज किया था। इसके बाद करण की भिवानी से गिरफ्तारी की गई थी। मामले की जांचकत्र्ता पुलिस अधिकारी एस.आई. सर्बजीत कौर थीं। मामले में दिलचस्प पहलू यह था कि दोषी करण और पीड़िता ने आपस में शादी कर ली थी और हाईकोर्ट में एफ.आई.आर. रद्द करने की अर्जी दायर की थी मगर शादी के बाद करण द्वारा पीड़िता को परेशान करने के चलते क्वैशिंग वापस ले ली गई थी।
इससे पहले पीड़िता ने तत्कालीन ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट जसविंद्र सिंह की अदालत में दी एक अर्जी में कहा था कि गफलत से उसने एस.एस.पी. को शिकायत दी थी और केस दर्ज करवाया। करण और उसने 23 अप्रैल, 2014 को शादी कर ली थी। हाईकोर्ट अगर संबंधित केस में क्वैशिंग कर देता है उसे कोई आपत्ति नहीं। पीड़िता और दोषी दोनों पी.यू. के स्टूडैंट्स थे। मूलरूप से हिसार निवासी एवं अस्थायी रूप से पंचकूला जिले में रहने वाली युवती मामले में शिकायतकत्र्ता थी।
मामले में पीड़िता द्वारा करण के जिन दो रिश्तेदारों के खिलाफ भी आपराधिक साजिश के आरोप लगाए थे वह तफ्तीश के दौरान साबित नहीं हो सके थे। इस कारण उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया था।