Edited By ,Updated: 10 Feb, 2024 03:39 AM
![female prisoners are getting pregnant in the jails of west bengal](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_2image_03_39_00821795200-ll.jpg)
कुप्रबंधन की शिकार हमारी जेलें आज क्रियात्मक रूप से अपराधियों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने का स्थान बन गई हैं और अन्य बातों के अलावा अब तो जेलों में यौन अपराध होने के समाचार भी आने लगे हैं।
कुप्रबंधन की शिकार हमारी जेलें आज क्रियात्मक रूप से अपराधियों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने का स्थान बन गई हैं और अन्य बातों के अलावा अब तो जेलों में यौन अपराध होने के समाचार भी आने लगे हैं। कुछ समय पूर्व कलकता उच्च न्यायालय ने एक न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) ‘तापस भंजाक’ को पश्चिम बंगाल की जेलों का निरीक्षण करके वहां की स्थितियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
इस बारे 8 फरवरी को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. शिवगनामन और न्यायमूॢत सुप्रतिम भट्टाचार्य की पीठ के समक्ष ‘तापस भंजाक’ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी दी गई कि राज्य की जेलों में सजा काट रही महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ समय के दौरान राज्य की जेलों में 196 बच्चों का जन्म हुआ।
इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने माननीय न्यायाधीशों से सुधार गृहों में महिला कैदियों वाले वार्डों में पुरुष कर्मचारियों के काम करने पर रोक लगाने का अनुरोध भी किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय न्यायाधीशों ने एक आदेश जारी करके इन सभी मामलों को आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
इस मामले में किसी कैदी महिला ने कोई शिकायत भी नहीं की, अत: इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कहीं यह कैदी महिलाओं की जेल स्टाफ से मिलीभगत से तो नहीं हो रहा। यह तो केवल एक राज्य की जेलों में अव्यवस्था का उदाहरण है। देश की अन्य जेलों में भी ऐसे मामले हो रहे होंगे। अत: जेलों में व्यापक जांच करके वहां व्याप्त कमियां तुरंत दूर करने की आवश्यकता है।—विजय कुमार