Edited By ,Updated: 03 Apr, 2024 04:44 AM
![there will be changes in menu of mid day meal every month](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_4image_04_44_34382440900-ll.jpg)
‘मिड-डे मील स्कीम’ अर्थात ‘दोपहर का भोजन योजना’ गरीब बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के लिए विश्व की सबसे बड़ी नि:शुल्क खाद्य वितरण योजना है। इसकी शुरूआत 1995 में की गई थी।
‘मिड-डे मील स्कीम’ अर्थात ‘दोपहर का भोजन योजना’ गरीब बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के लिए विश्व की सबसे बड़ी नि:शुल्क खाद्य वितरण योजना है। इसकी शुरूआत 1995 में की गई थी। तब अधिकांश राज्यों ने इसके अंतर्गत लाभार्थियों को कच्चा अनाज देना शुरू किया था, पर 28 नवम्बर, 2002 को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर बच्चों को पका कर भोजन देना शुरू किया गया। इसका लाभ देश के सरकारी एवं सहायता प्राप्त 11.75 लाख से अधिक स्कूलों के 10.8 करोड़ से अधिक बच्चे उठा रहे हैं।
‘मिड-डे-मील’ योजना के अंतर्गत पंजाब के सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में विविधता लाने के लिए इसका मेन्यू अब हर महीने बदलने का फैसला किया गया है। ‘पंजाब स्टेट मिड-डे-मील सोसायटी’ द्वारा हर महीने के अंत में अगले महीने के मेन्यू के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
सोसायटी ने 30 अप्रैल तक का नया मिड-डे-मील मेन्यू जारी कर दिया है। इसमें सोमवार को मौसमी सब्जी मिश्रित दाल-रोटी व मौसमी फल, मंगलवार को राजमा-चावल, बुधवार को आलू मिश्रित सफेद या काले चने और पूरी/रोटी, वीरवार को आलू-प्याज के पकौड़ों सहित कढ़ी व चावल, शुक्रवार को मौसमी सब्जी व रोटी तथा शनिवार को मौसमी सब्जी मिश्रित दाल-चावल दिए जाएंगे। बच्चों को हर सप्ताह एक दिन खीर भी दी जाएगी।
समृद्ध परिवारों के बच्चे तो अपने टिफिन में प्रतिदिन कुछ न कुछ नया लाते हैं, परन्तु कमजोर वर्ग के बच्चों को यह सुविधा प्राप्त नहीं होती। इस लिहाज से बच्चों के मिड-डे मील के मेन्यू में प्रति मास बदलाव करने की योजना सही है। इससे जहां बच्चे स्कूल आने को प्रोत्साहित होंगे, वहीं उन्हें पोषक और स्वादिष्ट भोजन भी खाने को मिल सकेगा।—विजय कुमार