Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2024 05:38 PM
घरेलू शेयर बाजार में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आई.पी.ओ.) पर मचा घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने वाला है। अगले कुछ महीने में शेयर बाजार में कई भारी-भरकम आई.पी.ओ. देखने को मिल सकते हैं और एल.आई.सी. का सबसे बड़े आई.पी.ओ. का रिकॉर्ड मीलों पीछे छूट...
नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आई.पी.ओ.) पर मचा घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने वाला है। अगले कुछ महीने में शेयर बाजार में कई भारी-भरकम आई.पी.ओ. देखने को मिल सकते हैं और एल.आई.सी. का सबसे बड़े आई.पी.ओ. का रिकॉर्ड मीलों पीछे छूट सकता है।
अब देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी भी रेस में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी की टैलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम आई.पी.ओ लाने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट में आई.पी.ओ. के साइज को लेकर भी इशारा किया गया है और कहा गया है कि वह 55,000 करोड़ रुपए से भी बड़ा हो सकता है।
पेटीएम का रिकॉर्ड तोड़ LIC बनी नंबर-1
अभी देश के सबसे बड़े आई.पी.ओ. का रिकॉर्ड एल.आई.सी. के नाम है। सरकारी बीमा कंपनी एल.आई.सी. मई 2022 में आई.पी.ओ. लेकर आई थी, जिसका साइज करीब 21,000 करोड़ रुपए था। एल.आई.सी. ने भारत के सबसे बड़े आई.पी.ओ. के मामले में पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस का रिकॉर्ड तोड़ा था, जो नवंबर 2021 में 18,300 करोड़ रुपए का आई.पी.ओ. लाई थी।
हुंडई इंडिया ला रही LIC से बड़ा IPO
अब दो साल के अंतराल के बाद एल.आई.सी. का सबसे बड़ा आई.पी.ओ. का रिकॉर्ड खतरे में है। वह रिकॉर्ड रिलायंस जियो का आई.पी.ओ. आने से पहले ही टूट सकता है।
दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी हुंडई भी अपनी लोकल सबसिडियरी हुंडई इंडिया का आई.पी.ओ. लाने की तैयारी कर रही है। हुंडई इंडिया ने आई.पी.ओ. के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट फाइल कर दिया है। ड्राफ्ट के अनुसार हुंडई इंडिया का आई.पी.ओ. 25 हजार करोड़ रुपए तक का हो सकता है।
इतना बड़ा हो सकता है जियो IPO
रिलायंस जियो के प्रस्तावित आई.पी.ओ. की बात करें तो एनालिस्ट मान रहे हैं कि इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक में स्थिति साफ हो सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ए.जी.एम. इस साल अगस्त में होने वाली है।
जेफरीज के अनुसार टैरिफ हाइक और 5जी मनीटाइजेशन के बाद जियो की वैल्यू बढ़कर 11.11 लाख करोड़ रुपए हो गई है। अगर कंपनी कम से कम 5 फीसदी हिस्सा भी आई.पी.ओ. में बेचती है तो उसका साइज 55,500 करोड़ रुपए हो सकता है।