आधार संख्या जारी कर देने मात्र से डिजिटल नुकसान का खतरा नहीं बढ़ता: ट्राई प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Aug, 2018 04:18 PM

disclosure of aadhaar number doesn t increase one s digital vulnerability

दूरसंचार नियामक ट्राई के निवर्तमान चेयरमैन आर एस शर्मा ने आज कहा कि किसी व्यक्ति की आधार संख्या की जानकारी सार्वजनिक होने मात्र से संबंधित व्यक्ति के लिए ‘डिजिटल खतरा’ नहीं बढ़ता।

नई दिल्लीः दूरसंचार नियामक ट्राई के निवर्तमान चेयरमैन आर एस शर्मा ने आज कहा कि किसी व्यक्ति की आधार संख्या की जानकारी सार्वजनिक होने मात्र से संबंधित व्यक्ति के लिए ‘डिजिटल खतरा’ नहीं बढ़ता।

गौरतलब है कि शर्मा ने ट्विटर पर अपनी आधार संख्या जारी करते हुए इंटरनेट पर सेंध लगाने वालों को खुद को नुकसान पहुंचाने की चुनौती दी थी। हालांकि उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि कहा कि 12 अंकों वाली अपनी आधार संख्या सार्वजनिक करने के पीछे उनका मकसद दूसरों को भी ऐसा करने के लिए उकसाना कतई नहीं था। इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शर्मा ने कहा कि उनकी हमेशा से यह राय रही है कि बायोमेट्रिक पहचान संख्या के खुलासे, उसकी जानकारी देने या साझा करने से डिजिटल नुकसान का खतरा नहीं है। 

9 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे ट्राई चेयरमैन ने एक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत कर रहे थे। सम्मेलन में दूरसंचार नियामक ट्राई ने घोषणा की कि उसके दो मोबाइल एप अनचाही काल की जानकारी देने वाला ‘डू नाट डिस्टर्ब’ तथा काल गुणवत्ता को मापने वाला ‘माई काल एप’ उमंग प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे। एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने यह साफ किया है कि मेरे कदम का मकसद वास्तव में अन्य लोगों को आधार संख्या सार्वजनिक करने के लिये प्रोत्साहित करना नहीं है।’’ ट्राई प्रमुख के कदम के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा था कि लाग अपनी 12 अंकों वाली आधार संख्या इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं करे या इस प्रकार की कोई चुनौती नहीं दें।  

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