रिपोर्ट : अर्थव्यवस्था में 2021-22 की पहली तिमाही में 12 प्रतिशत गिरावट की आशंका

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Jun, 2021 08:31 PM

economy expected to decline by 12 percent in the first quarter of 2021 22

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को काबू में करने के लिये राज्यों के अप्रैल और मई में लगाये गये ‘लॉकडाउन'' से चालू वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 12 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में अर्थव्यवस्था...

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को काबू में करने के लिये राज्यों के अप्रैल और मई में लगाये गये ‘लॉकडाउन' से चालू वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 12 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में यह कहा। पिछले साल, केवल चार घंटे के नोटिस पर केंद्र के स्तर पर लगाये गये ढाई महीने के देशव्यापी ‘लॉकडाउन' से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था और वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 7.3 प्रतिशत का संकुचन हुआ।

गिरावट 2020-21 में 7.3 प्रतिशत पर सीमित
पहली तिमाही में इसका काफी प्रतिकूल असर रहा और जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी। दूसरी तिमाही में स्थिति थोड़ी सुधरी और अर्थव्यवस्था में 17.5 प्रतिशत का संकुचन हुआ। हालांकि, दूसरी छमाही में तीव्र गति से पुनरूद्धार हुआ। वर्ष की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही। वहीं चौथी तिमाही में यह बढ़कर 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे कुल मिलाकर गिरावट 2020-21 में 7.3 प्रतिशत पर सीमित रही। स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 12 प्रतिशत की गिरावट से इस बार अर्थव्यवस्था में V (गिरावट के बाद तीव्र गति से वृद्धि) आकार में वृद्धि मुश्किल होगी, जैसा कि पिछली बार राष्ट्रीय स्तर पर ‘लॉकडाउन' हटने के बाद देखा गया था।

उसने कहा कि इसका कारण इस बार उपभोक्ता धारण कमजोर बनी हुई है क्योंकि लोग पिछले साल के मुकाबले महामारी की दूसरी लहर के असर को देखकर काफी चिंतित हैं। स्विस ब्रोकरेज कंपनी की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने यूबीएस इंडिया के आंतरिक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि जो भी संकेतक है, वह जून 2021 को समाप्त तिमाही में अर्थव्यवस्था में 12 प्रतिशत की गिरावट का संकेत देते हैं। यह स्थिति तब है, जब विभिन्न राज्यों में मई के अंतिम सप्ताह से स्थानीय स्तर पर लगी पाबंदियों में ढील से 13 जून को समाप्त सप्ताह में संकेतक साप्ताहिक आधार पर 3 प्रतिशत बेहतर होकर 88.7 पर रहा।

ब्रोकरेज कंपनी ने जताई उम्मीद
हालांकि ब्रोकरेज कंपनी ने जून से मासिक आधार पर आर्थिक गतिविधियां बेहतर रहने की उम्मीद जतायी है। लेकिन अर्थव्यवस्था में गति संभवत: दूसरी छमाही से ही देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि 2020 में गिरावट के बाद तीव्र गति से वृद्धि देखने को मिली थी, लेकिन इस बार उस तरह की संभावना नहीं है। इस बार अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरूद्धार होगा क्योंकि महामारी से जुड़ी अनिश्चतताओं के कारण उपभोक्ताओं की धारणा कमजोर बनी हुई है। अर्थशास्त्री के अनुसार टीकाकरण में गति आने के साथ उपभोक्ता तथा व्यापार भरोसा बढ़ने की संभावना है। इससे आर्थिक पुनरूद्धार में दूसरी छमाही से गति आने की उम्मीद है।

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