Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 Nov, 2019 12:26 PM
किसानों की आर्थिक हालत सुधारने को मोदी सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ौतरी कर रही है। 2019-20 में गेहूं के लिए एमएसपी 1840 रुपए/क्विंटल है। 2014-15 के मुकाबले इसमें 31.40 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। धान का..
नई दिल्लीः किसानों की आर्थिक हालत सुधारने को मोदी सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ौतरी कर रही है। 2019-20 में गेहूं के लिए एमएसपी 1840 रुपए/क्विंटल है। 2014-15 के मुकाबले इसमें 31.40 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। धान का एमएसपी इस साल 1815 रुपए/क्विंटल है। 2014-15 के मुकाबले इसमें 33.50 फीसदी की तेजी आई है।
लगातार बढ़ रहा है एमएसपी
न्यूनतम समर्थन मूल्य मार्केट रेट से ज्यादा होने के कारण किसान भी बाजारों में अपनी फसल नहीं बेचना चाहते हैं। सरकार भी किसानों को सपॉर्ट करने के लिए लगातार चावल और गेहूं की खरीदारी कर रही हैं। यही वजह है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के गोदाम लबालब भर चुके हैं और आगे की खरीदारी के लिए उसे प्राइवेट बफर को किराए पर लेना होगा।
जरूरत से ढ़ाई गुना ज्यादा स्टॉक
उम्मीद की जा रही है कि 1 अप्रैल 2020 तक सरकार के पास गेहूं का स्टॉक 31 मिलियन टन होगा, जबकि जरूरत मात्र 13.8 मिलियन टन की है। उसी तरह चावल का स्टॉक 25.8 मिलियन टन होगा, जबकि जरूरत मात्र 7.6 मिलियन टन का होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, चावल-गेहूं हर कोई बेच रहा है, लेकिन खरीदने वालों की संख्या काफी कम है। शायद यही वजह है कि हरियाणा में इस साल सरकार ने केवल 26 अक्टूबर के दिन खरीद की थी।