Edited By Isha,Updated: 09 Mar, 2019 10:44 AM
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर 2018 में समाप्त तीसरी तिमाही में सरकार की कुल देनदारी बढ़कर 83.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। दूसरी तिमाही में यह देनदारी 82.03 लाख करोड़ रुपए पर थी। वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी लोक रिण के आंकड़ों में यह बात सामने
बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष की दिसंबर 2018 में समाप्त तीसरी तिमाही में सरकार की कुल देनदारी बढ़कर 83.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। दूसरी तिमाही में यह देनदारी 82.03 लाख करोड़ रुपये पर थी। वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी लोक रिण के आंकड़ों में यह बात सामने आई है। वित्त मंत्रालय तिमाही आधार पर ऋण प्रबंधन से जुड़ी यह रिर्पोट जारी करता है। दिसंबर 2018 के अंत तक सरकार की कुल बकाया देनदारियों में लोक ऋण की हिस्सेदारी 89.3 प्रतिशत रही। जबकि इस लोक ऋण में आंतरिक ऋण की हिस्सेदारी 83.3 प्रतिशत थी।
भुगतान के लिए बकाया रह गई सरकारी प्रतिभूतियों में करीब 29.27 प्रतिशत प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि पांच साल से भी कम की है। इन प्रतिभूतियों में करीब 40.5 प्रतिशत हिस्सेदारी वाणिज्यिक बैंकों की है जबकि 24.6 प्रतिशत बीमा कंपनियों की है। तीसरी तिमाही में सरकारी प्रतिभूतियों के प्रतिफल में नरमी का रुख देखा गया है। रिर्पोट में इसका कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खुले बाजार हस्तक्षेप के जरिये काफी नकदी डालना और डॉलर के मुकाबले रुपये का मजबूत होना बताया गया है। अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने 1.27 लाख करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी की। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.64 लाख करोड़ रुपये रहा था।