Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jun, 2019 06:16 PM
भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीए पर संशोधित सर्कुलर शुक्रवार को जारी कर दिया है। इसमें बैकों को निर्देश दिए गए हैं कि डिफॉल्ट करने के 30 दिन में खाते की समीक्षा शुरू की जाए। पुराने सर्कुलर के मुताबिक डिफॉल्ट होने के एक दिन में ही बैंकों को रिव्यू शुरू...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीए पर संशोधित सर्कुलर शुक्रवार को जारी कर दिया है। इसमें बैकों को निर्देश दिए गए हैं कि डिफॉल्ट करने के 30 दिन में खाते की समीक्षा शुरू की जाए। पुराने सर्कुलर के मुताबिक डिफॉल्ट होने के एक दिन में ही बैंकों को रिव्यू शुरू करना होता था। आरबीआई के 12 फरवरी 2018 के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 2 अप्रैल को गैर-संविधानिक बताकर रद्द कर दिया था।
नए सर्कुलर के मुताबिक रेजोल्यूशन प्लान के लिए अब कुल लोन की 75% वैल्यू वाले कर्जदाताओं की मंजूरी जरूरी होगी। पहले सभी कर्जदाताओं की मंजूरी लेनी होती थी। समीक्षा अवधि से 180 दिन में रेजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होता है तो आरबीआई बैंकों से 20% अतिरिक्त प्रोविजनिंग के लिए कहेगा। 365 दिन में रेजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होने पर 35% अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी होगी।
पिछले साल के सर्कुलर में क्या था?
आरबीआई के 12 फरवरी 2018 वाले सर्कुलर में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि के फंसे कर्ज की पहचान करने और उनके निपटारे के संबंध में प्रावधान थे। इसमें किसी फंसे कर्ज का 180 दिन के भीतर निपटारा नहीं होने पर बैंकों को उसे दिवालिया प्रक्रिया में भेजना होता था।