Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2022 03:24 PM
खाद्य तेल फर्म रुचि सोया 24 मार्च को अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाएगी, जिसके जरिए उसकी 4,300 करोड़ रुपए तक जुटाने की योजना है। रुचि सोया का स्वामित्व बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद के पास है। रुचि सोया ने शुक्रवार को
नई दिल्लीः खाद्य तेल फर्म रुचि सोया 24 मार्च को अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाएगी, जिसके जरिए उसकी 4,300 करोड़ रुपए तक जुटाने की योजना है। रुचि सोया का स्वामित्व बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद के पास है। रुचि सोया ने शुक्रवार को शेयर बाजार को बताया कि बोर्ड की एक समिति ने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) को मंजूरी दे दी है। बोर्ड ने बोली के लिए निर्गम को 24 मार्च 2022 को खोलने और 28 मार्च 2022 को बंद करने की मंजूरी भी दी।
कंपनी को पिछले साल अगस्त में एफपीओ लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिली थी। रुचि सोना ने जून 2021 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था। डीआरएचपी के अनुसार रुचि सोया कुछ बकाया कर्ज को चुकाने, अपनी कार्यशील पूंजी संबंधी जरूरतों और अन्य सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए निर्गम से मिली आय का इस्तेमाल करेगी।
पतंजलि ने 2019 में 4,350 करोड़ रुपए में एक दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। कंपनी के प्रवर्तकों के पास फिलहाल करीब 99 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी को एफपीओ के इस दौर में कम से कम नौ फीसदी हिस्सेदारी बेचनी है। सेबी के नियमों के मुताबिक कंपनी में कम से कम 25 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी होनी चाहिए। प्रवर्तकों के पास अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी करने के लिए करीब तीन साल का समय है।