Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2020 11:40 AM
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सितंबर माह में अर्थव्यवस्था के सामान्य होने के संकेत मिले हैं और सरकार आम लोगों को संकट से निकालने के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेगी। मंत्रालय ने कहा कि बीते 6 महीने में कोविड-19 संकट के दौरान, अर्थव्यवस्था में...
बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सितंबर माह में अर्थव्यवस्था के सामान्य होने के संकेत मिले हैं और सरकार आम लोगों को संकट से निकालने के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेगी। मंत्रालय ने कहा कि बीते 6 महीने में कोविड-19 संकट के दौरान, अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन जारी किए। सरकार ने सभी स्टेकाहेल्डर्स और नागरिकों को ध्यान में रखकर फैसले लिए हैं। आर्थिक रिकवरी प्रक्रिया में इस बात पर भी फोकस किया गया कि डिमांड और सप्लाई को दुरुस्त किया जाए। इससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, 'कोरोना वायरस महामारी के बीच बीते कुछ महीनों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर अब अर्थव्यवस्था में दिखने लगा है। सितंबर महीने में आर्थिक वृद्धि के सामान्य होने के संकेत मिलने लगे हैं।'य ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के असर को कम करने के लिए और लोगों की जीविका बेहतर करने के लिए सरकार सभी संभावनाओं पर काम कर रही है। आम लोगों का जीवन बेहतर करने के लिए वित्त मंत्रालय कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा। इसमें कहा गया कि लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील देने के बाद अर्थव्यवस्था अब रफ्तार पकड़ने लगी है। व्यापारिक गतिविधियों के शुरू होने का असर अब दिखने लगा है। सितंबर महीने में 95,480 करोड़ रुपए के जीएसटी कलेक्शन से ही इस बात के संकेत मिल रहे हैं। यह साल-दर-साल आधार पर सितंबर महीने में 4 फीसदी बढ़ा है।
दो राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है सरकार
बता दें कोरोना काल में केंद्र सरकार ने दो वित्तीय पैकेज का ऐलान किया था। सबसे पहले 16 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP) और फिर इसके बाद करीब 21 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया। दूसरे राहत पैकेज में फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के फैसलों को भी शामिल किया गया था।
इन पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने कई उपाय किए, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विधवा महिलाओं, दिव्यांगों, महिला जन धन खाताधारकों, किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए। हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इंश्योरेंस कवरेज दिया गया और मनरेगा के तहत भी लोगों को काम दिए गए।