Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jul, 2022 03:20 PM
यस बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) में वृद्धि की है। यस बैंक की वेबसाइट पर दिए गए नोट के अनुसार, नई एमसीएलआर पहले से लागू हो चुकी हैं। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश में बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए रेपो रेट को बढ़ाकर...
बिजनेस डेस्कः यस बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) में वृद्धि की है। यस बैंक की वेबसाइट पर दिए गए नोट के अनुसार, नई एमसीएलआर पहले से लागू हो चुकी हैं। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश में बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए रेपो रेट को बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत किए जाने के लगभग 1 महीने बाद आया है।
नई एमसीएलआर 1 जुलाई से लागू हो गई है। बैंक द्वारा एमसीएलआर बढ़ाए जाने के मतलब है कि नए और मौजूदा ग्राहकों के लिए लोन की ब्याज दर बढ़ जाएगी। इसमें, होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन व अन्य सभी तरह के लोन शामिल हैं। यह आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी का प्रत्यक्ष परिणाम है। रेपो रेटे में किसी भी बदलाव का प्रभाव एमसीएलआर पर पड़ता है।
बैंक की MCLR आधारित लोन की नई ब्याज दरें
बैंक के ओवरनाइट लोन का एमसीएलआर 7.60 प्रतिशत, एक महीने का 8.25 प्रतिशत, छह महीने का 8.70 प्रतिशत और एक वर्ष का 8.95 प्रतिशत है। 1 जून से प्रभावी यस बैंक का बेस रेट 8.75 प्रतिशत है। वहीं, 26 जुलाई 2011 से प्रभावी यस बैंक का बीपीएलआर रेट 19.75 प्रतिशत है।
बाहरी बेंचमार्क पर आधारित ब्याज दर
आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, एमएसएमई, खुदरा या पर्सनल फ्लोटिंग रेट लोन बाहरी बेंचमार्क पर आधारित होने चाहिए। यस बैंक ने कर्ज की ब्याज दर के लिए बाहरी बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट को संदर्भ मानना शुरू कर दिया है। बैंक ने नई प्रणाली 1 अप्रैल 2022 से अपनाई और इससे पहले इसका बेंचमार्क 6 महीने का सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट था।