21 दिन में चांदी ने दिया 45% रिटर्न, साल के अंत तक बना सकती है नया रिकॉर्ड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Aug, 2020 12:30 PM

silver can give 45 return in 21 days by year end

लॉकडाउन खुलने और औद्योगिक मांग बढऩे से चांदी की चमक सोने से तेज हो गई है। चांदी का भाव शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार में 78,000 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया। सिर्फ 21 दिनों में चांदी ने 45 प्रतिशत रिटर्न दिया है।

नई दिल्लीः लॉकडाउन खुलने और औद्योगिक मांग बढऩे से चांदी की चमक सोने से तेज हो गई है। चांदी का भाव शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार में 78,000 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया। सिर्फ 21 दिनों में चांदी ने 45 प्रतिशत रिटर्न दिया है। इस साल जनवरी से सोने के मुकाबले चांदी करीब डेढ़ गुना ज्यादा रिटर्न दे चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। घरेलू बाजार में चांदी अपने सर्वकालिक स्तर 75,000 रुपए के स्तर से अभी 7000 रुपए दूर है।

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कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार सोना और चांदी के भाव का अनुपात फिर घटता जा रहा है। यह इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी की तरफ  निवेशकों का रुझान बढ़ा है। वहीं कोरोना संकट के बीच लॉकडाऊन खुलने से चांदी की औद्योगिक मांग तेजी से बढ़ी है। इससे भी निवेशकों का रुझान चांदी की ओर बढ़ा है। उनका कहना है कि कोरोना का टीका अगले 2 से 3 माह में बन जाने की पूरी संभावना है। ऐसा होने पर कारखानों से चांदी की मांग ज्यादा आएगी। इसकी वजह से चांदी में और तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि उस स्थिति में चांदी का उत्पादन भी बढ़ सकता है जिससे चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है।

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कोरोना बढ़ा रहा चांदी का दाम!
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की वजह से चांदी का मैडीकल क्षेत्र में उपयोग अचानक बढ़ा है। चांदी का सबसे अच्छा औद्योगिक उपयोग इसका एंटी-माइक्रोबियल एजैंट होना है। इस खासियत की वजह से चांदी का कई कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है। चांदी का इस्तेमाल एंटी-बैक्टीरियल स्पोर्ट्सवियर में किया जाता है ताकि उनमें बदबू कम की जा सके। इसका इस्तेमाल सैनिकों और चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एंटी-बैक्टीरियल कपड़ों में किया जाता है। कोरोना की वजह से कई मैडीकल उपकरणों में चांदी का उपयोग हो रहा है। ऐसे में इसकी कीमतें बढ़ती जा रही हैं।

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85 हजारी बन सकती है चांदी
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रैसीडैंट (कमोडिटी एंड करंसी) अनुज गुप्ता ने बताया कि इस साल के अंत तक चांदी के 80 से 85 हजार रुपए के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। चांदी की औद्योगिक मांग ज्यादा होती है और दुनियाभर में लॉकडाऊन में धीरे-धीरे छूट के बाद औद्योगिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। ऐसे में आने वाले समय में चांदी की मांग में तेजी कायम रहने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना का टीका बनते ही चांदी की कीमतों में कुछ समय के लिए तेज गिरावट भी देखने को मिल सकती है। ऐसे में ऊंची कीमत पर ज्यादा निवेश से सतर्क रहने की जरूरत है।

इन क्षेत्रों में होता है चांदी का उपयोग
चांदी न सिर्फ  कीमती धातु है बल्कि यह एक औद्योगिक धातु भी है और इसका उपयोग आभूषण के साथ-साथ उद्योग में भी होता है। इसका इस्तेमाल सैल फोन, टी.वी., कम्प्यूटर और दूसरी इलैक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अलावा चिकित्सा, सौर ऊर्जा, पैकेजिंग और फोटोग्राफी के अलावा कई अन्य सैक्टरों के उद्योगों में भी होता है। इसके अलावा फूड पैकेजिंग क्षेत्र में भी बड़ी मात्रा में चांदी का उपयोग होता है।

कहां कितनी मांग

  • 90 प्रतिशत चांदी की मांग औद्योगिक क्षेत्रों में होती है
  • 13 करोड़ औंस सौर ऊर्जा क्षेत्र में चांदी की मांग
  • 10 करोड़ औंस की मांग चिकित्सा क्षेत्र में होने का अनुमान
  • 3.8 करोड़ औंस फूड पैकेजिंग क्षेत्र में चांदी की मांग
     

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