छोटे कारोबारियों को नहीं मिल रहा क्रैडिट सपोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 09:34 AM

small businesses do not get credit support

नोटबंदी से शुरू हुई छोटे कारोबारियों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। छोटे कारोबारियों को क्रैडिट सपोर्ट नहीं मिल रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एम.एस.एम.ई.) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद से ही...

नई दिल्लीः नोटबंदी से शुरू हुई छोटे कारोबारियों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। छोटे कारोबारियों को क्रैडिट सपोर्ट नहीं मिल रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एम.एस.एम.ई.) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद से ही एम.एस.एम.ई. सैक्टर को मिलने वाला क्रैडिट सपोर्ट लगातार कम हो रहा है। रिपोर्ट बताती है कि गत वित्त वर्ष के पहले 7 माह के मुकाबले इस साल अप्रैल से अक्तूबर के बीच 50 प्रतिशत लोन में गिरावट आई है।

मिनिस्ट्री ऑफ एम.एस.एम.ई. के ताजा आंकड़े बेहद दिलचस्प हैं। मिनिस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से अक्तूबर 2017 के दौरान मिनिस्ट्री ने 1,61,696 क्रैडिट प्रोपोजल अप्रूव किए जबकि इसी अवधि के दौरान वर्ष 2016 में 3,05,903 प्रोपोजल अप्रूव हुए। अकेले अक्तूबर 2016 में मिनिस्ट्री ने 24,384 प्रोपोजल अप्रूव किए थे जबकि इस साल अक्तूबर में केवल 14,597 प्रोपोजल अप्रूव हुए यानी कि पिछले साल के मुकाबले इस साल लगभग आधे प्रोपोजल्स को अप्रूवल मिली है।

नोटबंदी का है असर 
जानकार मानते हैं कि नोटबंदी की वजह से छोटे कारोबारियों को क्रैडिट सपोर्ट मिलना कम हो गया है। इससे उन पर दोहरी मार पड़ी है। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में अक्तूबर 2016 तक हर महीने औसतन 43,700 क्रैडिट प्रोपोजल अप्रूव हुए लेकिन फरवरी तक यह औसत 37,700 तक पहुंच गई। फरवरी 2017 में केवल 19,127 क्रैडिट प्रोपोजल अप्रूव हुए और यदि नवम्बर 2016 से अक्तूबर 2017 के बीच का औसत देखा जाए तो हर माह औसतन 24,600 क्रैडिट प्रोपोजल अप्रूव हो रहे हैं। इन 11 महीनों में केवल 2,70,923 क्रैडिट प्रोपोजल अप्रूव हुए।

क्या है वजह
प्रमुख एस.एम.ई. संगठन आई.एम. एस.एम.ई. ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने बताया कि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था घटी है और बिजनैस कम हुआ है। इस वजह से छोटे कारोबारी कारोबार शुरू करने के लिए आगे नहीं आए। दूसरी बड़ी वजह है बैंकों का नकारात्मक रवैया। सरकार के दबाव के बावजूद बैंक बिना कोलट्रल सिक्योरिटी के लोन नहीं देते। 31 दिसम्बर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि छोटे कारोबारियों को 2 करोड़ रुपए तक के लोन के लिए कोई कोलट्रल सिक्योरिटी नहीं देनी होगी लेकिन 10 माह हो चुके हैं और अब तक हमें कोई भी ऐसा कारोबारी नहीं मिला जो कह दे कि उसे बैंक ने बिना सिक्योरिटी के 2 करोड़ रुपए का लोन दिया है। 
 

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