युवाओं को मिल सकती है सौगात, नौकरियों की आएगी बहार!

Edited By Isha,Updated: 14 Nov, 2018 11:41 AM

young people can get jobs jobs will come out

रोजगार के मोर्चे पर लगातार आलोचनाओं के घेरे में आ रही केन्द्र सरकार अगले लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से देशभर में 14 बड़े राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्र (मैगा नैशनल इम्प्लॉयमैंट जोन)...

बिजनैस डेस्क: रोजगार के मोर्चे पर लगातार आलोचनाओं के घेरे में आ रही केन्द्र सरकार अगले लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से देशभर में 14 बड़े राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्र (मैगा नैशनल इम्प्लॉयमैंट जोन) स्थापित किए जाएंगे। योजना का मकसद अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाना है। नीति आयोग की मदद से जहाजरानी मंत्रालय इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है। दरअसल मोदी सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में हर वर्ष रोजगार के 2 करोड़ अवसर पैदा करने का वायदा किया था लेकिन इस मोर्चे पर उसका प्रदर्शन कुछ खास नहीं माना जा रहा है। इसलिए वह 2019 के लोकसभा चुनाव मैदान में जनता का सामना करने से पहले अपना पक्ष मजबूत कर लेना चाहती है
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नए निर्मित होने वाले रोजगार क्षेत्रों को दिए जाएंगे कई लाभ
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि नए निर्मित होने वाले रोजगार क्षेत्रों को कई वित्तीय एवं गैर-वित्तीय लाभ दिए जाएंगे। इनमें निश्चित अवधि के लिए टैक्स से छूट (टैक्स हॉलिडे), पूंजी जुटाने पर राहत (कैपिटल सबसिडी) और एक जगह से ही सभी अनिवार्य नियामकीय आदेशों की प्राप्ति (सिंगल विंडो क्लीयरैंस) आदि शामिल होंगे। ये सुविधाएं इन रोजगार क्षेत्रों को मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने वाली कम्पनियों को नवसृजित रोजगार की संख्या के आधार पर मिलेंगी। शिपिंग मिनिस्ट्री ने इन 14 राष्ट्रीय रोजगार क्षेत्रों की स्थापना स्पैशल पर्पज व्हीकल रूट तहत तटीय राज्यों में किए जाने का प्रस्ताव रखा है। एक सूत्र ने बताया कि इन क्षेत्रों में पारम्परिक रूप से श्रमिक आधारित वस्त्र, चमड़ा एवं रत्नाभूषण जैसे क्षेत्रों के अलावा फूड, सीमैंट, फर्नीचर, इलैक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के 35 इंडस्ट्रीयल क्लस्टर्स होंगे।
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आई.सी.बी.सी.ने बनाया 20 करोड़ डॉलर का कोष
पेइचिंग (प.स.): चीन के सबसे बड़े बैंक इंडस्ट्रियल एंड कर्मिशयल बैंक आफ चाइना (आई.सी.बी.सी.) की भारतीय इकाई ने 20 करोड़ डॉलर का कोष बनाया है। बैंक इस कोष के जरिए भारत के सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एम.एस.एम.ई.) में निवेश करेगा। आई.सी.बी.सी. इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चेंग बिन ने भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित दूसरी ‘स्टार्ट अप इंडिया’ निवेश संगोष्ठी में भारतीय स्टार्ट अप पारिस्थितिकी का संक्षिप्त विवरण पेश किया और यह बताया कि इसमें कैसे निवेश किया जा सकता है। भारतीय दूतावास द्वारा स्टार्ट अप इंडिया एसोसिएशन (एस.आई.ए.) तथा वैंचर गुरुकुल के साथ भागीदारी में आयोजित संगोष्ठी में 350 से अधिक चीन के उद्यम पूंजी कोषों, एंजल निवेशकों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में 20 भारतीय स्टार्ट अप्स के 42 भारतीय उद्यमियों ने भी हिस्सा लिया।
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