प्लास्टिक उत्पादकों को 30 दिन में रजिस्टर्ड करवाने के निर्देश

Edited By ashwani,Updated: 30 Oct, 2020 07:07 PM

penalty

रजिस्टर्ड न करवाने पर एक लाख जुर्माना व सजा का भी प्रावधान

चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा) : प्रशासन ने हाल ही में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया है। यही कारण है कि चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने शहर के सभी प्लास्टिक उत्पादकों, ब्रांड मालिकों, रिसाईकल करने वालों और निर्माताओं को 30 दिन के अंदर विभाग के साथ रजिस्टर्ड करवाने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को विभाग की तरफ से ये आदेश जारी किए गए। अगर वह ऐसा नहीं करते तो विभाग द्वारा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पांच साल तक की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने का भी प्रावधान है।

 


चैक करेंगे कि बैन आइटम बन या सप्लाई तो नहीं हो रही
पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सभी उत्पादकों पर चैक रखने के लिए ये आदेश जारी किए हैं। हाल ही में विभाग की तरफ से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया गया। इनके रजिस्टर्ड होने से वह चैक कर सकेंगे कि उत्पादक व ब्रांड मालिक बैन आइटम्स बना या इनकी सप्लाई तो नहीं कर रहे। इसके अलावा अन्य नियमों को लेकर भी इन पर चैक रखा जा सकेगा। 
कमेटी के मैंबर सैक्रेटरी ने जारी किए आदेश
बता दें कि प्लास्टिक नियम 2016 के तहत सभी उत्पादकों को विभाग के साथ रजिस्टर्ड करना अनिवार्य किया हुआ है। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाता है, जिसके तहत ही सजा व जुर्माने का प्रावधान है, जिसमें जुर्माने व सजा को अलग-अलग व एक साथ भी लगाया जा सकता है। अगर कोई भी बार-बार इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो पांच हजार रुपए तक बढ़ सकता है। कमेटी के मैंबर सैके्रटरी द्वारा ही ये आदेश जारी किए गए हैं। 

सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया था कंप्लीट बैन : 
इससे पहले विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर कंप्लीट बैन लगाया था। पिछले दिसम्बर में विभाग की तरफ से इस संबंधित आदेश जारी किए गए थे। जिन आइटम्स पर पूरी तरह से बैन लग गया हैं, उनमें 50 माइक्रोन्स से कम सभी प्रकार की इंडस्ट्रियल पैकेजिंग, दही, खीर, आइसक्रीम के लिए 250 माइक्रोन्स से कम यूज सभी सिंगल यूज कंटेनर्स, कॉस्टमेटिक्स, कैचअप के लिए 30 एम.एल. व उससे कम प्लास्टिक पाउच व गुब्बारे, झंडे और कैंडी में इस्तेमाल प्लास्टिक स्टिक शामिल है। इसके अतिरिक्त कुछ आइटम्स के लिए 28 मार्च 2020 तक का समय दिया गया था, क्योंकि कई स्टेक होल्डर्स ने इस संबंध में डिमांड की थी। इसके अलावा जुलाई में प्रशासन ने तीन आइटम्स को बैन की सूची से बाहर कर दिया था। 

पैनल्टी का भी है प्रावधान
अगर बैन के बावजूद कोई दुकानदार, विक्रेता, होल सैलर विक्रेता, व्यापारी, फेरीवाला या रेहड़ीवाला इसका इस्तेमाल करता है तो विभाग द्वारा उसमें 5 हजार रुपए प्रति इवैंट पैनल्टी का प्रावधान है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए थे। चंडीगढ़ प्रशासन ने इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए हैं। जुलाई 2019 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन प्रशासन की तरफ  से इसको लेकर की गई थी, जिस पर लोगों के सुझाव और ऑब्जैक्शन मांगे गए थे। करीब 30 से ज्यादा सुझाव इस पर आए हैं, जिनको कंपाइल करने के बाद ही बैन के ये आदेश जारी किए गए थे। प्रशासन ने पिछल साल नोटीफिकेशन जारी करके सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के आदेश जारी किए थे। आदेशों में खाली पानी के प्लास्टिक और थर्मोकोल के गिलास, प्लास्टिक या थर्मोकोल की प्लेट्स और गिलास, प्लास्टिक चमच, पॉलीथिन, प्लास्टिक बैग्स, प्लास्टिक कैरी बैग्स पर बैन के आदेश जारी किए गए थे। 

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