Edited By ,Updated: 14 Jun, 2016 02:33 PM
अब लग रहा है कि कॉल ड्रॉप जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार और टैलीकॉम कंपनियों के बीच गतिरोध खत्म हो रहा है। दूरसंचार मंत्रालय के साथ बैठक में कंपनियों ने स्थिति को ठीक करने के लिए कई वादे किए हैं।
नई दिल्ली: अब लग रहा है कि कॉल ड्रॉप जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार और टैलीकॉम कंपनियों के बीच गतिरोध खत्म हो रहा है। दूरसंचार मंत्रालय के साथ बैठक में कंपनियों ने स्थिति को ठीक करने के लिए कई वादे किए हैं। ऑप्रेटर्स के साथ हुई इस बैठक में 100 दिन में लगने वाले नए सैल टॉवर्स को लेकर बात हुई। कम से कम कॉल ड्रॉप्स पर जोर दिया गया। इस बैठक में टैलीकॉम कंपनियों ने 100 दिन का प्लान सौंपा है।
बैठक में पिछले 2 साल में हुए सुधारों, स्पैक्ट्रम ट्रेडिंग और शेयरिंग पर चर्चा हुई और कॉल ड्रॉप तथा ब्रॉडबैंड क्वालिटी पर जोर दिया गया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 3 महीनों में 60,000 नए साइट्स बनाई जाएंगी।
दिल्ली में खराब नैटवर्क वाले इलाकों में सुधार होगा। सरकार नया ई.एम.एफ. पोर्टल लांच करेगी और नए टावरों के लिए 12,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इस बैठक में वोडाफोन से सी.ई.ओ. सुनील सूद, एयरटैल के सी.ई.ओ. गोपाल विठ्ठल, टाटा टैलीसर्विस के सी.ई.ओ. टी. एलेंगो, रिलायंस जियो के सी.ई.ओ. संजय मशरूवाला और आइडिया सैल्यूलर के सी.ई.ओ. हिमांशु ने भाग लिया।
ट्राई ने जुर्माने और कैद के अधिकार की मांग को किया खारिज
कॉल ड्रॉप मामले में कंपनियों के लिए बने एक्शन प्लान की टैलीकॉम सचिव जे.एस. दीपक. ने स्वागत किया है लेकिन कॉल ड्रॉप पर ऑप्रेटर्स के खिलाफ जुर्माने और कैद जैसी सजा देने के लिए ट्राई को अधिकार देने की मांग को उन्होंने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह समस्या का कोई समाधान नहीं है।