Chandragupta Maurya Story: इस तरह का व्यक्ति नहीं रह सकता कभी भी स्वस्थ

Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Mar, 2024 11:53 AM

chandragupta maurya story

सम्राट चंद्रगुप्त तीर्थाटन के लिए काशी जा रहे थे। रात होने पर एक जगह पड़ाव डाला गया। वह आमों के एक बाग में ठहरे। भोजन विश्राम आदि की व्यवस्था की

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chandragupta Maurya Story: सम्राट चंद्रगुप्त तीर्थाटन के लिए काशी जा रहे थे। रात होने पर एक जगह पड़ाव डाला गया। वह आमों के एक बाग में ठहरे। भोजन विश्राम आदि की व्यवस्था की गई। संयोगवश उसी रात चंद्रगुप्त अचानक बीमार हो गए। कुशल वैद्यों के उपचार ने उन्हें स्वस्थ तो कर दिया पर वह इसके बाद चिंता में डूब गए। वह विचार करने लगे कि आखिर वन और उसके आसपास रहने वाले आश्रमवासी तथा गांव के लोग किस तरह रहते होंगे। उनके उपचार के लिए उन्होंने एक वैद्य  को उस क्षेत्स में स्थायी रूप से नियुक्त कर दिया।

PunjabKesari Chandragupta Maurya Story

 वैद्य के काफी समय रहने के बाद भी जब कोई वनवासी या गुरुकुल में रहने वाले शिष्य अथवा आचार्य चिकित्सा कराने नहीं आया तो एक दिन वैद्य ने एक आचार्य से कहा, “लगता है मैं यहां व्यर्थ ही रह रहा हूं। यहां के लोग अस्वस्थ नहीं होते अथवा मेरे पास उपचार कराने में संकोच करते हैं।”

आचार्य ने वैद्य की शंका का निवारण करते हुए कहा, “भविष्य में भी शायद ही कोई आपके पास चिकित्सा के लिए आए, क्योंकि यहां का प्रत्येक निवासी श्रम करता है। उसे जब तक भूख परेशान नहीं करती, भोजन नहीं करता। यहां सभी लोग कम खाने वाले हैं। जब कुछ भूख शेष रह जाती है तभी वे खाना बंद कर देते हैं ?”

PunjabKesari Chandragupta Maurya Story

आचार्य ने अपना आशय स्पष्ट करते हुए आगे कहा, “स्वस्थ रहने के लिए परिश्रम करना और पसीना बहाना ही काफी नहीं, बल्कि पवित्म मन भी आवश्यक है। अपवित्र मन वाला व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह सकता।”

वैद्यराज को वनवासियों के स्वास्थ्य का रहस्य समझ में आ गया।

PunjabKesari Chandragupta Maurya Story
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!