Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jun, 2024 04:10 PM
अचानक एक प्रौढ़ अपने साथियों की बात से सहमत न होने के कारण आवेश में आकर चिल्लाया, ‘‘इंसान की तुलना किसी इंसान से ही की जा सकती है, जानवर से नहीं।
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Inspirational Story: अचानक एक प्रौढ़ अपने साथियों की बात से सहमत न होने के कारण आवेश में आकर चिल्लाया, ‘‘इंसान की तुलना किसी इंसान से ही की जा सकती है, जानवर से नहीं। ऐसा करना अनैतिक है, पाप है। बंद करो यह बात।’’
आपसी बहस में उलझे सभी सहम कर चुप हो गए। लेकिन एक वृद्ध व्यक्ति से चुप नहीं रहा गया। वह बोल उठा, ‘‘कई बार जानवर और इंसान की तुलना भी करनी पड़ जाती है, भाई। तभी तो मालूम हो पाता है कि कौन इंसान है और कौन जानवर।’’
‘‘वह कैसे?’’ नाराज साथी का आवेश अभी बाकी था।
वृद्ध व्यक्ति बोला, ‘‘मैं बूढ़ा आदमी हूं। मेरे घर में मेरी पुत्रवधू ने एक कुत्ता रखा हुआ है। आठ बजे सुबह वह उसे नाश्ता देती है। कई बार कुत्ता नाश्ता नहीं करता। वह उसके पीछे-पीछे ‘खा ले बेटा, खा ले’ करती हुई घूमती रहती है।’’
‘‘जबकि मैं चिल्ला-चिल्लाकर कहता रहता हूं कि मुझे भी चाय-नाश्ता दे दो पर वह पूछती तक नहीं। ज्यादा चिल्लाता हूं तो डांट कर कहती है कि चुप नहीं रह सकते, आपको कहीं ड्यूटी पर तो जाना नहीं है।’’
तभी वह वृद्ध व्यक्ति अपनी आंखें पौंछता हुआ उठा और पार्क से बाहर निकल गया। बाकी सभी लोग विचारों में खोए उसे दूर अंधेरे में गुम होते देख रहे थे।