Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Feb, 2023 08:50 AM

महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके और व्रत रख कर रात्रि में भगवान शिव की विधिवत आराधना करना कल्याणकारी है। अगले दिन अर्थात अमावस के दिन मिष्ठान्न आदि सहित ब्राह्मणों तथा शारीरिक रूप से
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Maha Shivratri 2023- महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके और व्रत रख कर रात्रि में भगवान शिव की विधिवत आराधना करना कल्याणकारी है। अगले दिन अर्थात अमावस के दिन मिष्ठान्न आदि सहित ब्राह्मणों तथा शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को भोजन देने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए। यह व्रत महा कल्याणकारी होता है और अश्वमेध यज्ञ तुल्य फल प्राप्त होता है।
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Maha Shivratri importance- इस दिन सम्पन्न अनुष्ठानों, पूजा एवं व्रत का विशेष लाभ मिलता है। इस दिन चंद्रमा क्षीण होगा और सृष्टि को ऊर्जा प्रदान करने में अक्षम होगा। इसलिए अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने का यह सर्वाधिक उपयुक्त समय होता है जब ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है। इस रात भगवान शिव का विवाह हुआ था। यह पर्व भगवान शिव एवं माता पार्वती के मिलन का महापर्व कहलाता है। इस व्रत से साधकों को इच्छित फल,धन, वैभव, सौभाग्य, सुख समृद्धि, आरोग्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।

What is the significance of Shivaratri festival- मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में इसी दिन मध्य रात्रि को भगवान शंकर का रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं, इसीलिए इसे महाशिवरात्रि या कालरात्रि कहा जाता है। काल के काल और देवों के देव महादेव के इस व्रत का विशेष महत्व है। ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को अद्र्धरात्रि के समय करोड़ों सूर्य के तेज के समान ज्योर्तिलिंग का प्रादुर्भाव हुआ था।
Maha Shivratri- स्कंद पुराण के अनुसार-चाहे सागर सूख जाए, हिमालय टूट जाए, पर्वत विचलित हो जाएं परंतु शिव-व्रत कभी निष्फल नहीं जाता। भगवान राम भी यह व्रत रख चुके हैं।
