Holika Dahan story- अजब-गजब हैं होली के रंग, इस शुभ अवसर पर पढ़ें कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Mar, 2023 07:42 AM

story of holi

जब फाल्गुन का महीना आता है तो टेसू के फूल खिलते हैं, हर मन में उमंग भरती है हर ओर रंग बिखरते हैं, दुश्मनी भूल कर सब लोग

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Holika Dahan story: जब फाल्गुन का महीना आता है तो टेसू के फूल खिलते हैं, हर मन में उमंग भरती है हर ओर रंग बिखरते हैं, दुश्मनी भूल कर सब लोग दोस्त बनते हैं और दिलों से दिल मिलते हैं, तब होली का पावन त्यौहार आता है। कितने ही रंगों को अपने में समेटे यह त्यौहार जब आता है तो हर ओर छोटों से लेकर बड़ों तक में खुशियां ही खुशियां बिखर जाती हैं। भारत में मनाए जाने वाले सभी त्यौहार समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम, एकता एवं सद्भावना को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि भारत में मनाए जाने वाले त्यौहारों एवं उत्सवों को सभी धर्मों के लोग आदर के साथ मिल जुल कर मनाते हैं। 

PunjabKesari Holika Dahan story

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

Different forms of holi होली के विभिन्न रूप
होली को लेकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न मान्यताएं हैं और शायद यही विविधता हमें सांस्कृतिक एकता के बंधन में बांधती है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता एवं दुश्मनी भूल कर एक-दूसरे के गले मिलकर फिर से दोस्त बन जाते हैं। 

Story of holika कथा होलिका की
होलिका दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है। प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नामक एक अत्यंत बलशाली एवं घमंडी राक्षस खुद को ही ईश्वर मानने लगा था। उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर पाबंदी लगा दी थी। उसका पुत्र प्रह्लाद ईश्वर का परम भक्त था। प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकशिपु ने उसे अनेक कठोर दंड दिए परंतु भक्त प्रह्लाद ने ईश्वर की भक्ति का मार्ग न छोड़ा। 

PunjabKesari Holika Dahan story


हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु के आदेश पर होलिका प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से उसे अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, किन्तु आग में बैठने पर होलिका तो जल गई परंतु ईश्वर भक्त प्रह्लाद बच गए। तब से ही होलिका दहन का प्रचलन शुरू हुआ और होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

Holi started getting modern आधुनिक होने लगी होली 
अन्य त्यौहारों की तरह होली का त्यौहार भी आधुनिक होने लगा है। रंगों का त्यौहार होने के कारण अब प्राकृतिक रंगों की जगह रासायनिक रंगों का प्रचलन बढ़ गया है। भांग-ठंडाई और दूसरे नशे प्रयोग किए जाने लगे हैं और लोक संगीत की जगह अश्लिल औण दोहरे अर्थों वाले फिल्मी गानों का प्रचलन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। 

PunjabKesari Holika Dahan story

Real purpose of holi होली का असली उद्देश्य 
होली केवल मस्ती और हुड़दंग से भरपूर त्यौहार ही नहीं है, बल्कि इस त्यौहार के पीछे अनेक धार्मिक मान्यताएं, परंपराएं और ऐतिहासिक घटनाएं छुपी हैं। लोक संगीत, नृत्य, नाट्य, लोक कथाओं, किस्से-कहानियों और यहां तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे खूबसूरत संस्कार एवं पहलू देखने को मिलते हैं। 

होली को आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक माना जाता है। यह सभी मतभेदों को भुला कर एक-दूसरे को गले लगाने की प्रेरणा देती है। इस त्यौहार पर हमें ईर्ष्या, द्वेष एवं कलह आदि बुराइयों को दूर भगाना होगा तभी होली का त्यौहार मनाना सार्थक होगा। 

PunjabKesari kundli

Trending Topics

India

Australia

Match will be start at 22 Mar,2023 03:00 PM

img title img title

Everyday news at your fingertips

Try the premium service

Subscribe Now!