Interview : हीरामंडी में 'इकबाल' के किरदार से उसकी मासूमियत को जीवन में अपनाना चाहूंगा: रजत कौल

Edited By Varsha Yadav,Updated: 17 May, 2024 01:10 PM

rajat kaul interview for heeramandi in hindi

हीरामंडी को लेकर रजत कौल ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संजय लीला भंसाली की बहु प्रतीक्षित और डेब्यू वेब सीरीज 'हीरामंडी द डायमंड बाजार' दर्शकों का दिल जीत रही है। रिलीज के बाद से ही सीरीज सुर्खियों में है। हर तरफ सीरीज की तारीफ हो रही है और दर्शकों का भी इस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। शानदार कास्ट ने सीरीज में चार चांद लगाए हैं। वहीं मलिकाजान के वफादार इकबाल यानि की रजत कॉल ने अपनी परफॉरमेंस से ऑडियंस के दिल में जगह बना ली है। साइमा और इकबाल की लव स्टोरी ने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी है। सीरीज के बारे में रजत कौल ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:


सवाल - आपको  इकबाल का रोल कैसे मिला और इसके लिए फाइनल होने पर रिएक्शन क्या था?
मुझे ये रोल नॉर्मल कास्टिंग प्रोसेस से मिला था। मुझे इस रोल के लिए फोन आया तो उन्होंने बताया कि पंजाबी किरदार है तो मैंने बोला कि मैं पंजाबी नहीं हूं तो आप किसी और को भी देख सकते हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसके लिए किसी प्रोपर पंजाबी की  ही जरूरत है। फिर कुछ दोस्तों की मदद से मैंने उस रोल को समझा। मुझे एक सीन दिया गया था और जैसा वो चाहते थे मैंने वैसा ही किया। फिर कुछ दिनों बाद मेरे पास फोन आया और मुझे ही इकबाल के लिए चुना गया। मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी कि सर ने किसी और को नहीं बल्कि मुझे ही इस रोल के लिए चुना। मैं बहुत खुश था इकबाल के लिए फाइनल होकर।

 

सवाल- इकबाल के रोल के लिए किस तरह से खुद को तैयार किया?
हमें सबकुछ पहले से मिला हुआ था साथ ही डिजाइनर, राइटर इन सब ने पहले से बता दिया था कि किस तरह से करना है। मेरा रंग थोड़ा गोरा है लेकिन इस किरदार के लिए मुझे थोड़ा डार्क दिखना था। मेरी सारा फोकस यही था कि किस तरह से मैं इकबाल को बनाऊं। हम साथ में मिल कर स्क्रिप्ट पढ़ते थे और स्क्रिप्ट में उर्दू, इंग्लिश पंजाबी सभी था। तो मेरी गलतियां भी मुझे बताई जाती थी। उर्दू और पंजाबी के छोटी-छोटी बारीकियों को मैंने सीखा। मैं घर जाता था तो अपने घर पर अपने दोस्तों के साथ पंजाबी में बात करता था। इसके अलावा मैं पंजाबी के पॉडकास्ट सुनता था। गुरु जी के पंजाबी भजन भी सुनता था। भाषा को लेकर मुझ से जितना हो सका मैंने किया।

 


सवाल- इकबाल के किरदार की क्या विशेषता आप अपने जीवन में अपनाएंगे?
इकबाल के किरदार से मैं उसकी मासूमियत को अपनाना चाहूंगा।उसका भोलापन उसकी वफादारी असल जिंदगी में अपनाने लायक है। कई बार हम कुछ चीजों को लेकर थोड़े भ्रष्ट हो जाते हैं तो इकबाल की वफादारी सीखने लायक है। 

 


सवाल- आपने मनीषा मैम जैसी अनुभवी और टैलेंटेड एक्ट्रेस के साथ काम किया क्या कुछ सीखने को मिला?
मैम तो एक फाइटर की तरह है। उनकी जो एनर्जी है वो उनके बारे में काफी कुछ कहती है। हम लोग लाइफ में चीजों को बहुत जल्दी गिवअप कर देते हैं। लेकिन वो जल्दी से हार नहीं मानती थीं और बहुत ही अच्छे ढंग से फिर से अपने काम में डट जाती हैं। उनमें बहुत ठहराव है। बहुत ही प्यारी इंसान हैं वो मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। मैंने एक बार बचपन में उन्हें शूटिंग में देखा था और उनके साथ काम करने का मौका मिला बहुत खुश हूं।

 


सवाल- संजय लीला भंसाली सर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मेरी सर के साथ जो बातचीत होती थी वो सीन को लेकर कि ये ऐसा होगा या इस तरह से करना है और मेरा सर के साथ ऐसा था कि मुझसे गलतियां होंगी लेकिन मुझे उसे अवसर की तरह लेना हैं और गलतियों से सीखना है। एक बार मुझे एक सीन में परेशानी हो रही थी तो उन्होंने मुझे सिखाया कि हीरामंडी सिर्फ हीरामंडी है उससे ज्यादा कुछ नहीं। सर ने मुझे मेरी गलतियों से सीखना सिखाया है। मेरे साथ सीन के बारे में बात करते थे। सर नॉलेज का एक ग्रंथ हैं। मेरे लिए बहुत अच्छा समय रहा ये और मैंने काफी कुछ सीखा इस दौरान।

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