Edited By Tanuja,Updated: 27 Mar, 2021 02:28 PM
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर शाना स्वान ने अपनी नई किताब ''काउंट डाउन'' में दावा किया है कि विषैले कैमिकलों की वजह से मानव सभ्यता गंभीर संकट से जूझ रही है
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका की पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर शाना स्वान ने अपनी नई किताब 'काउंट डाउन' में दावा किया है कि विषैले कैमिकलों की वजह से मानव सभ्यता गंभीर संकट से जूझ रही है। किताब में खासतौर पर थैलेट्स का जिक्र किया गया है। थैलेट्स एक कैमिकल है जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है। अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रदूषण की वजह से पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है और पुरुषों के लिंग छोटे हो रहे हैं सिकुड़ रहे हैं।
डॉ. स्वान ने थैलेट्स सिंड्रोम की जांच सबसे पहले तब शुरू की जब उन्हें नर चूहों के लिंग में अंतर दिखाई दिया। उन्हें दिखाई दिया सिर्फ लिंग ही नहीं, मादा चूहों के भ्रूण पर भी असर पड़ रहा है। उनके प्रजनन अंग छोटे होते जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने इंसानों पर भी अध्ययन करने का फैसला किया। अपने अध्ययन में उन्हें यह पता लगा कि इंसानों के बच्चों में भी यही दिक्कत आ रही है। उनके जननांग विकृत हो रहे हैं।
स्काय न्यूज की खबर के मुताबिक इस किताब में यह अध्ययन किया गया है कि कैसे आधुनिक जीवनशैली स्पर्म काउंट के लिए खतरा है और कैसे यह पुरुषों-स्त्रियों की प्रजनन क्षमता को कम कर रही है। डॉक्टर शाना का कहना है कि प्रदूषण की वजह से बीते कुछ समय में छोटे लिंग के साथ पैदा होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है। थैलेट्स की वजह से प्लास्टिक ज्यादा लचीला बनता है। हालांकि, डॉक्टर स्वान का कहना है कि यह केमिकल अब खिलौनों और भोजन पदार्थों के जरिए इंसानों तक पहुंच रहा है और उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है।