Edited By Anil dev,Updated: 24 Sep, 2022 01:23 PM
भारत ने हाल ही में कनाडा में हुए खालिस्तान पर जनमत संग्रह पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे आपत्तिजनक बताया है, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान खालिस्तानियों को मोहरा बनाकर पूरे देश का माहौल खराब करने में जुटा हुआ है।
इंटरनेशनल डेस्क: भारत ने हाल ही में कनाडा में हुए खालिस्तान पर जनमत संग्रह पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे आपत्तिजनक बताया है, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान खालिस्तानियों को मोहरा बनाकर पूरे देश का माहौल खराब करने में जुटा हुआ है। सरहद पर आईएसआई द्वारा हथियारों की खेप को पहुंचाने की नाकाम कोशिशों के बाद पाकिस्तान भी खालिस्तान की मांग को हवा देने की कोशिश कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए कहा गया है कि जिस दिन कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित सिख जनमत संग्रह आयोजित किया गया, उस दिन पाकिस्तानी कॉन्सल जनरल जनबाज खान ने वैंकूवर में दो खालिस्तान समर्थक गुरुद्वारों का दौरा किया था।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में बाढ़ राहत देने के लिए जनबाज खान गुरुद्वारों के पदाधिकारियों का धन्यवाद करने पहुंचे थे। भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में जनबाज खान ने 2 कार्यकाल पूरे किए हैं। उन्होंने 18 सितंबर को सरे में खालिस्तान समर्थक श्री दशमेश दरबार और गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अपने वाणिज्य दूतावास के दो अधिकारियों के साथ अलगाववादी पदाधिकारियों के साथ गुप्त बैठकें कीं। बताया जा रहा है कि जिस आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर एनआईए ने हाल ही में 10 लाख रुपए का इनाम रखा है वह गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का अध्यक्ष है। वह पंजाब के फिल्लौर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश सहित सिख कट्टरपंथ से जुड़े चार एनआईए मामलों में वांछित है। दशमेश दरबार भी अलगाववादियों और निज्जर के दोस्तों की ओर से चलाया जाता है।
हालांकि कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने 16 सितंबर को दावा करते हुए कहा था कि वह तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देगी। सरकार ने यह भी कहा था कि वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करती है। जबकि कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के लोगों का यह भी कहना है कि वोट बैंक की मजबूरियों के चलते कनाडा सरकार ने इसे रोकने के बहुत कम प्रयास किए हैं। कट्टरपंथी सिख समुदाय के बीच भारत विरोधी रवैया अभी भी कायम है।
यह बात अब हर किसी को मालूम है कि पाकिस्तानी आईएसआई इस सिख अलगाववादी आंदोलन के पीछे मुख्य खिलाड़ी है। भारत के कई मोस्ट वांटेड सिख आतंकवादी लाहौर में शरण लिए हुए हैं। भारत ने पाकिस्तान में छिपे सिख आतंकवादियों और गैंगस्टरों को देश वापस भेजने के लिए इस्लामाबाद को डोजियर सौंपा है, लेकिन अब तक इस पर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे एक बात तो साबित हो ही जाती है कि आईएसआई पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को भारत में माहौल खराब करने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा में घृणा अपराध (हेट क्राइम), नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है, ऐसे में वहां भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत एवं चौकस रहने की सलाह दी जाती है। विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है।