वायु प्रदूषण का संबंध डिमेंशिया के अत्यधिक जोखिम से है : अध्ययन

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2021 05:06 PM

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वाशिंगटन, पांच अगस्त (भाषा) अमेरिका में किये गये एक नये अध्ययन के मुताबिक हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कणों (पीएम 2.5) का संबंध उन इलाकों में रहने वाले लोगों में ‘डिमेंशिया’ के अत्यधिक जोखिम से है।

वाशिंगटन, पांच अगस्त (भाषा) अमेरिका में किये गये एक नये अध्ययन के मुताबिक हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कणों (पीएम 2.5) का संबंध उन इलाकों में रहने वाले लोगों में ‘डिमेंशिया’ के अत्यधिक जोखिम से है।

डिमेंशिया, शब्द का इस्तेमाल याददाश्त और सोचने की क्षमता को प्रभावित करने वाले लक्षणों के समूह के लिए किया जाता है।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने दो बड़ी जारी अध्ययन परियोजनाओं के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है--इनमें एक 1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ था जो वायु प्रदूषण को मापने से संबद्ध है जबकि दूसरा 1994 में शुरू हुआ था और यह डिमेंशिया पैदा करने वाले कारकों से संबद्ध है।
उन्होंने पीएम 2.5 और डिमेंशिया के बीच एक संबंध होने का पता लगाया।
अध्ययन के मुख्य लेखक राचेल शाफर ने कहा, ‘‘हमने पाया कि एक माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि होने से डिमेंशिया के कारकों में 16 गुना वृद्धि हो जाती है। इसी तरह का संबंध अल्जाइमर की तरह के डिमेंशिया से भी है। ’’
यह अध्ययन इन्वायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स में चार अगस्त को प्रकाशित हुआ है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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