Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Dec, 2019 07:29 PM
सरकार द्वारा अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के बाद से राज्य की अर्थव्यवस्था को 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है। संगठन ने कहा कि यह सिर्फ एक मोटा अनुमान है...
श्रीनगर: सरकार द्वारा अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के बाद से राज्य की अर्थव्यवस्था को 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है। संगठन ने कहा कि यह सिर्फ एक मोटा अनुमान है।
कश्मीर चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के अध्यक्ष शेख आशिक हुसैन ने कहा हमारा एक मोटा अनुमान है कि पांच अगस्त के बाद पैदा हुई स्थिति से कश्मीर की अर्थव्यवस्था को अब तक 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। हम एक सप्ताह में इसके व्यापक आंकड़े जारी करेंगे। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद के प्रावधानों को समाप्त करते हुए उसे दो संघ शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांट दिया है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान से अधिक चिंता की बात इंटरनेट सेवाएं बंद होने, आंदोलन और हड़ताल से हुआ रोजगार का नुकसान है। हुसैन ने कहा कि इससे हस्तशिल्प, पर्यटन और ई-कॉमर्स क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अब ज्यादातर अंकुश हटा लिए गए हैं लेकिन सभी मंचों पर इंटरनेट सेवाओं और प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर अब भी अंकुश है। उन्होंने कहा कि संचार सेवाओं के अभाव में हस्तशिल्प क्षेत्र में ही 50,000 लोगों ने रोजगार गंवाया है। क्षेत्र को इस वजह से नए आर्डर नहीं मिल पा रहे हैं।