खालिस्तान समर्थक समूह पर बड़ा एक्शन, ‘सिख फॉर जस्टिस’ पर बैन 5 साल के लिए बढ़ाया

Edited By Pardeep,Updated: 10 Jul, 2024 05:50 AM

ban on sikh for justice extended for 5 years

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिका में रहने वाले वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) पर भारत विरोधी गतिविधियों के कारण लगाया गया प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है।

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिका में रहने वाले वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) पर भारत विरोधी गतिविधियों के कारण लगाया गया प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था। 

अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की राय है कि एसएफजे उन गतिविधियों में लिप्त है जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं और यह पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है, जिनका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना है। इसमें कहा गया है कि एसएफजे आतंकवादी संगठनों के साथ निकट संपर्क में है और भारत के क्षेत्र से एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर चरमपंथ और चरमपंथ के हिंसक रूप का समर्थन कर रहा है। 

मंत्रालय ने कहा कि एसएफजे भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत संघ से अलग करने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर अलगाववादी समूहों का समर्थन करता है और इसके लिए वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जिनकी मंशा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना है। 

गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार को लगता है कि अगर एसएफजे की गैरकानूनी गतिविधियों पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया और उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो इसकी विध्वंसक गतिविधियां बढ़ने की आशंका है। मंत्रालय के मुताबिक, इन गतिविधियों में कानून द्वारा स्थापित सरकार को अस्थिर करके भारत के क्षेत्र से खालिस्तान राष्ट्र बनाने का प्रयास भी शामिल है। 

अधिसूचना में कहा गया है कि एसएफजे भारत से पंजाब को अलग करने और खालिस्तान के गठन की लगातार वकालत करता रहा है और यह देश की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है और देश में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ाता है, आतंकवाद का समर्थन करता है और हिंसा भड़काता है। अधिसूचना में कहा गया है कि विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में एसएफजे की भूमिका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत एसएफजे पर लगाए गए प्रतिबंध को 10 जुलाई 2024 से पांच साल के लिए बढ़ाता है। 

एसएफजे की स्थापना अमेरिका में रहने वाले पन्नू ने की थी, जिसे सरकार ने आतंकवादी भी घोषित किया था। एसएफजे ने करीब तीन साल पहले अलग खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह का अभियान भी चलाया था। अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाला पन्नू भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित है। अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की साजिश में संलिप्तता के आरोप में पिछले महीने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। एसएफजे का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में एक "स्वतंत्र और संप्रभु देश" की स्थापना करना है। एसएफजे को पहली बार 2019 में यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था। 

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