Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Aug, 2018 06:11 PM
कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उनके पुत्र का कारोबार नरेंद्र मोदी सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना का ‘सर्वोत्तम’ उदाहरण है और चुनावी हलफनामे में देनदारियों की जानकारी छुपाने के लिए वह शाह के खिलाफ निर्वाचन आयोग का...
नई दिल्लीः कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर राज्यसभा चुनाव के अपने हलफनामे में देनदारी छिपाने का आरोप लगाते हुए आज चुनाव आयोग से संपर्क कर कार्रवाई की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले से चुनाव आयोग को अवगत कराया और कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है। इस प्रतिनिधिमंडल में कपिल सिब्बल, जयराम रमेश, अभिषेक मनुसिंघवी और विवेक तन्खा शामिल थे।
नई दिल्लीः कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर राज्यसभा चुनाव के अपने हलफनामे में देनदारी छिपाने का आरोप लगाते हुए आज चुनाव आयोग से संपर्क कर कार्रवाई की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले से चुनाव आयोग को अवगत कराया और कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है। इस प्रतिनिधिमंडल में कपिल सिब्बल, जयराम रमेश, अभिषेक मनुसिंघवी और विवेक तन्खा शामिल थे।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले में अदालत का रुख क्यों नहीं किया तो सिब्बल ने कहा, ‘‘हम इसे राजनीतिक विवाद का विषय नहीं बनाना चाहते। चुनाव आयोग इस पर कदम उठाए।’’ दरअसल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गत शनिवार को आरोप लगाया था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा चुनाव के अपने हलफनामे में ‘अपनी देनदारी’ की बात छिपाई जबकि उनके पुत्र जय शाह ने अपने पिता के स्वामित्व वाले दो भूखंडों के नाम पर बैंकों से ऋण सुविधा ली।
भाजपा ने इस आरोप को ‘बकवास और फर्जी’ करार दिया। सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अमित शाह अपने पुत्र से जुड़ी स्वतंत्र इकाई की देनदारी को अपनी देनदारी के तौर पर नहीं दिखा सकते।शाह के खिलाफ आरोप लगाते हुए रमेश ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से संपर्क कर यह सूचित करेगी कि भाजपा अध्यक्ष का चुनावी हलफनामा ‘गलत’ है। भाजपा अध्यक्ष अगस्त, 2017 में गुजरात से राज्यसभा के लिये निर्वाचित हुए थे।