कोविड प्रबंधन विश्व के लिए अनुकरणीय रहा

Edited By Archna Sethi,Updated: 28 Mar, 2023 05:04 PM

covid management has been exemplary for the world

कोविड प्रबंधन विश्व के लिए अनुकरणीय रहा

चंडीगढ़, 28 मार्च - (अर्चना सेठी) पूर्व केंद्रीय जल-शक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री वर्तमान सांसद रतनलाल कटारिया ने आज भारत की संसद में रूल 377 के अंतर्गत मुद्दा उठाया कि भारत के लिए गौरव की बात है कि भारत को विश्व के सबसे शक्तिशाली जी-20 की अध्यक्षता प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है l इस शक्तिशाली समूह की वैश्विक जीडीपी में 85% भागीदारी है l विश्व का 80% उत्पादन जी-20 देशों में होता है इस समूह का वैश्विक व्यापार में 75% योगदान है l विश्व की 65% जनसंख्या इन देशों में रहती है l 

 

रतनलाल कटारिया ने संसद में कहा कि 23 साल पहले 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के परिणाम स्वरूप जी-20 का गठन हुआ और 2008 में इसे राष्ट्रीय अध्यक्षों एवं सरकारों के बीच गठजोड़ के रूप में उन्नत किया गया lभारत में विगत वर्षों में कई उपलब्धियां प्राप्त की है भारत के लोकतंत्र का यह मंदिर यानी कि संसद निश्चित तौर पर जी-20 देशों की अध्यक्षता करते हुए अपनी उपलब्धियों को विश्व के साथ साझा कर सकता है l भारत की संसद के सदस्यगण भारत की विविधता और अनेकता में एकता के संदेश को प्रसारित कर सकते हैं l 

 

रतनलाल कटारिया ने संसद में कहा कि भारत का कोविड प्रबंधन विश्व के लिए अनुकरणीय रहा है, और विश्व की सभी संस्थाओं ने भारत के भरपूर प्रशंसा की है l COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने, ना केवल अपने प्रबंधन को बेहतरीन रखा बल्कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न आपूर्ति भी की है l अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बाली (इंडोनेशिया) में हुए जी-20 अधिवेशन के दौरान निभाई गई, भारत की भूमिका के लिए भरपूर प्रशंसा की है, और सभी देशों ने भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के इस संदेश की सराहना की है कि यह वक्त युद्ध का नहीं बल्कि शांति का हैं l

 

रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत ने सारी दुनिया को यह विश्वास दिलाया है कि हम "एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य" के संकल्प के साथ दुनिया के साथ मिलकर चलेंगे। भारत के वित्तीय समावेशन के मॉडल की सारे विश्व में प्रशंसा हो रही है। भारत अपनी पहली बैठक वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी पर आयोजित कर रहा है। G-20 अंतरराष्ट्रीय आशाओं का केंद्र बिंदु बना हुआ है। भारत ने विश्व में "वसुधैव कुटुंबकम" के मंत्र से विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया हैं।

 

संसद में रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत की यह महान संसद जी-20 के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए रूस यूक्रेन युद्ध, एशिया में चीन के कार्मिक तेवर, विश्व में बढ़ती हुई महंगाई, भारत का जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संरक्षण का अभियान, यूपीआई के माध्यम से भारत का डिजिटल भुगतान क्रांति, ग्रामीण भारत में हाई स्पीड इंटरनेट, भारत के डिजिटल साक्षरता अभियान, डीबीटी के माध्यम से लीकेज पर लगाम कर भ्रष्टाचार को खत्म करना, भारत की टेक्नोलॉजी का भारत में नई शक्ति के रूप में उभरना, भारत के यूनिकॉर्न में जबरदस्त वृद्धि होना, भारत में आए व्यापार करने की सुगमता से कारोबार को पंख लगना व सुधार की दिशा में बढ़ते कदम आदि कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर भारत की संसद चर्चा करके वर्ष 2023 में होने वाला जी-20 सम्मेलन को सार्थक बना सकते हैं l आज भारत खदान इंधन व आर्थिक असमानता व एसडीजी पर चर्चा करके सार्थक पहल कर सकता है प्रधानमंत्री जी ने पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस दिशा में सार्थक कदम उठाए हैं आओ हम सब मिलकर भारत की महान संसद के माध्यम से विश्व में भारत के गौरव को बढ़ाएं और विश्व के सामने आई चुनौतियों का निपटान करने के लिए अपनी भूमिका निभाए और जी-20 की सफलता के लिए क्या-क्या पद उठाए जा रहे हैं उनके लिए संसद को अवगत कराएं

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