पूर्व भारतीय क्रिकेटर Anshuman Gaekwad का निधन, ब्लड कैंसर का चल रहा था इलाज, पीएम मोदी ने जताया दुख

Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Aug, 2024 12:09 AM

former indian cricketer anshuman gaekwad passed away

भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को कैंसर के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले।

नेशनल डेस्क : भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को कैंसर के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। इसके अलावा, वे 2000 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता रही भारतीय टीम के कोच भी रहे थे। गायकवाड़ पिछले महीने देश लौटने से पहले लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा कि "अंशुमान गायकवाड़ जी को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और एक बेहतरीन कोच थे। उनके निधन से बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति"।


क्रिकेट करियर की शुरुआत: अंशुमान गायकवाड़ का जन्म 23 सितंबर 1952 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने दिसंबर 1974 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। गायकवाड़ एक दाएं हाथ के बल्लेबाज थे, जो अपनी रक्षात्मक बल्लेबाजी शैली के लिए जाने जाते थे। उनकी सबसे प्रसिद्ध पारी 1982-83 में पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर में थी, जहां उन्होंने 201 रन बनाए और 671 मिनट तक क्रीज पर रहे।

क्रिकेट करियर और रिकॉर्ड्स: गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेले और 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 201 रन था। वनडे में उन्होंने 15 मैच खेले और 20.69 की औसत से 269 रन बनाए। उन्होंने 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गुवाहाटी में अपना अंतिम वनडे खेला।

कोच और चयनकर्ता के रूप में योगदान: क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गायकवाड़ ने भारतीय टीम के कोच के रूप में कार्य किया। 1997 से 1999 तक और फिर 2000 में कुछ महीनों के लिए उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने खिलाड़ियों के कौशल को निखारने और टीम को सामूहिकता के साथ खेलने पर जोर दिया। वे 1992 से 1996 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे और कई युवा प्रतिभाओं को पहचानने और मौका देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पारिवारिक पृष्ठभूमि: गायकवाड़ का संबंध गुजरात के एक प्रसिद्ध क्रिकेट परिवार से है। उनके पिता दत्ताजी राव गायकवाड़ भी भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट खिलाड़ी थे। अंशुमान की पत्नी ज्योति गायकवाड़ हैं और उनके दो बेटे, अनिरुद्ध और शत्रुंजय गायकवाड़ हैं।

अंतिम चरण और स्वास्थ्य समस्याएं: गायकवाड़ ने अपने करियर के अंतिम वर्षों में क्रिकेट प्रशासन और कोचिंग में सक्रिय भूमिका निभाई। हाल ही में, उन्हें ब्लड कैंसर का पता चला और बीसीसीआई ने उनके इलाज के लिए एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है। 

सम्मान और पुरस्कार: गायकवाड़ को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं। जून 2018 में उन्हें बीसीसीआई द्वारा सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। अंशुमान गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट में एक खिलाड़ी, कोच और चयनकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी रक्षात्मक बल्लेबाजी शैली और कोचिंग के प्रति समर्पण ने उन्हें एक महान क्रिकेटर के रूप में स्थापित किया है।

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