Edited By Yaspal,Updated: 04 Mar, 2024 07:54 AM
![give statements thoughtfully also avoid controversy pm modi s message](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_3image_21_15_124316135narendramodiii-ll.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित सुषमा स्वराज भवन में अपनी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस बैठक में मंत्रियों को विवादित बयानबाजी से बचने और ज्यादा बोलने से परहेज करने का...
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित सुषमा स्वराज भवन में अपनी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस बैठक में मंत्रियों को विवादित बयानबाजी से बचने और ज्यादा बोलने से परहेज करने का सुझाव दिया। मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मंत्रियों से ये भी कहा कि उन्हें जनता तक सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी पहुंचानी है। वे लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान भी सरकार के किए गए विकास कार्यों का जिक्र लोगों के सामने करें।
प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को डीप फेक से सतर्क रहने के लिए कहा। पीएम ने कहा कि यदि बोलना है तो सरकार की योजनाओं पर बोले, विवादित बयानों से बचें। पीएम मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि मैंने अपनी कैबिनेट में शामिल राज्यसभा सांसदों को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा था।
मीटिंग में क्या चर्चा हुई?
मंत्रिपरिषद की मीटिंग में मई में नयी सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिन के एजेंडे के शीघ्र क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। साथ ही अगले पांच साल का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा 2047 तक विकसित भारत कैसे बनेगा? इसको लेकर तमाम मंत्रालयों की तरफ से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।
वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विकसित भारत के लिए रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है। सूत्रों ने कहा कि इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों, नागरिक समाज संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श तथा युवाओं के सुझावों को समाहित करते हुए सरकार का समग्र दृष्टिकोण शामिल है। इसको लेकर एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए। 20 लाख से अधिक युवाओं से सुझाव प्राप्त हुए।