Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jun, 2024 04:56 PM
कनाडा ने 10,000 मुख्य आवेदकों की आवेदन सीमा तक पहुंचने के बाद चयनित अमेरिकी एच-1बी वीजा धारकों को वर्क परमिट दायित्वों से छूट देने की अपनी नीति में ढील दी है। मूल रूप से 15 जुलाई, 2024 तक ...
इंटरनेशनल न्यूज: कनाडा ने 10,000 मुख्य आवेदकों की आवेदन सीमा तक पहुंचने के बाद चयनित अमेरिकी एच-1बी वीजा धारकों को वर्क परमिट दायित्वों से छूट देने की अपनी नीति में ढील दी है। मूल रूप से 15 जुलाई, 2024 तक चलने का इरादा था, लेकिन आवेदनों की भारी संख्या के कारण 17 जुलाई, 2023 को ही नीति को रोक दिया गया था। कनाडा सरकार के इस कदम को प्रमुख आईटी डेस्टिनेशन बनने के लक्ष्य की तरह देखा जा रहा है।
कनाडा के वर्क परमिट नियमों में ढील से उसके शीर्ष आईटी गंतव्य के रूप में स्थिति अच्छी हो गई है। भारतीयों के लिए भी इसे एक अच्छी खबर की तरह देखा जा रहा है। एच-1बी वीजा धारक भारतीयों को भी वर्क परमिट नियमों में छूट का फायदा मिलेगा। कनाडा के फैसले से उच्च कुशल पेशेवरों, विशेष रूप से आईटी-संबंधित व्यवसायों के लिए वहां जाना आसान होगा। इससे कनाडा की वैश्विक प्रतिभा पूल में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जाहिर होती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1.2% की जीडीपी वृद्धि दर के साथ कनाडा आईटी पेशेवरों के लिए कई मौके देता है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 से अधिक भारतीय तकनीकी पेशेवर कनाडा गए, जो तकनीकी प्रतिभा के लिए एक विश्वव्यापी केंद्र के रूप में देश की बढ़ती स्थिति और भारतीय नागरिकों के बीच इसकी लोकप्रियता का संकेत है। अमेरिकी एच1-बी वीजा धारकों के लिए वर्क परमिट नियमों में यह छूट अमेरिका में भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें स्थिर रोजगार के अवसरों के साथ नए बाजार में अपने कौशल का लाभ उठाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान कर सकता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो वर्तमान अमेरिकी आव्रजन माहौल में प्रतिबंधात्मक नीतियों या अनिश्चित नौकरी सुरक्षा से प्रभावित हैं।