Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 May, 2024 12:56 PM
बीमा के बाद भी क्लेम न मिलने पर कंपनी को अच्छा खासा फटका लगा। अब कंपनी को 55 लाख रुपए अद करने होंगे। दरअसल, दुकान का बीमा होने के बावजूद क्लेम न मिलने पर चोला मंडलम एमएल जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भारी पड़ गया। पीड़ित ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील...
नेशनल डेस्क: बीमा के बाद भी क्लेम न मिलने पर कंपनी को अच्छा खासा फटका लगा। अब कंपनी को 55 लाख रुपए अद करने होंगे। दरअसल, दुकान का बीमा होने के बावजूद क्लेम न मिलने पर चोला मंडलम एमएल जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भारी पड़ गया। पीड़ित ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। जिसके बाद सुनवाई मेंआयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने बीमा कंपनी को 35 लाख रुपये 9 फीसदी सालाना ब्याज के साथ देने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक कष्ट के रूप में दो लाख और वाद व्यय के 25 हजार रुपये भी अदा करने के आदेश दिए। इतना ही नीहं ब्याज की अदायगी वर्ष 2018 से करने का आदेश दिया है। ब्याज सहित हर्जाने की कुल मिलाकर राशि करीब 55 लाख रुपये बनी है जो अब कंपनी को भुगतान करना होगा।
बता दें कि हारेली स्थित आर्मी साइकिल स्टोर ने राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दाखिल किया था। इसके मुताबिक फर्म ने व्यापार के लिए बैंक से क्रेडिट लिमिट ली थी। क्रेडिट लिमिट के साथ व्यापार का बीमा चोला मंडलम जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 5 मई 2017 को कराया था। 21 मई को दुकान में आग लग गई और करीब 35 लाख रुपये का नुकसान हो गया। फर्म ने पूरे दस्तावेज जमा कर दिए लेकिन कंपनी ने क्लेम देने से इन्कार कर दिया। इंश्योरेंस कंपनी की दलील थी कि आग जहां लगी, वह परिसर फर्म ने पूरे दस्तावेज जमा किए बीमा से बाहर था।
इसके बाद दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आयोग ने आदेश दिया कि सारे जरूरी दस्तावेजों और बैंक के प्रमाणपत्र के बावजूद क्लेम न देना सेवा में कमी के तहत आता है।