कमाई बढ़ने से और खूंखार हो जाएगा आईएसआईएस

Edited By ,Updated: 03 Jun, 2016 06:38 PM

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पूरी दुनिया में क्रूरता के लिए कुख्यात खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस सबसे धनी आतंकवादी संगठन बन गया है। इस खबर को

पूरी दुनिया में क्रूरता के लिए कुख्यात खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस सबसे धनी आतंकवादी संगठन बन गया है। इस खबर को आज लगभग सभी वेबसाइट्स ने प्रमुखता से जगह दी है। इस संगठन ने 2015 में 2.4 अरब डॉलर की कमाई की है। यह राशि पिछले साल से 50 करोड़ कम बताई जा रही है। आईएसआईएस को सबसे अधिक कमाई अपने तेल संयंत्रों से होती है। जबकि उसके इन संयंत्रों पर लगातार हवाई हमले भी किए गए हैं। इसके बावजूद 2 अरब डॉलर कमाना बड़ी बात है। यह इस संगठन के लिए उपलब्धि हो सकती है, लेकिन सभी देशों के लिए चिंता की बात है। 

आईएसआईएस की जितनी कमाई बढ़ेगी उससे वह खतरनाक हथियारों और गोला—बारुद की व्यवस्था करेगा। स्वयं को मजबूत करने के लिए आकर्षक वेतन पर भर्ती के लिए युवाओं को भ्रमित करेगा। कुछ दिन पहले इसके अहम ठिकानों पर जब अमरीका ने हवाई हमले​ किए थे तो उसके बड़ी संख्या में डॉलर जलकर खाक हो गए थे। माना जा रहा था कि इससे उसे बड़ा आर्थिक झटका लगेगा। क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए बंधक बनाए हुए लोगों के शरीर के अंगों को बेचना शुरू किया। 

उसके लड़ाकुओं को सिर्रे शहर ओर अन्य क्षेत्रों के बाजारों में अंडे, मांस और मछली बेचने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था। खबर तो यह भी आई थी आर्थिक संकट के कारण आईएसआईएस ने अपने लड़ाकुओं का वेतन आधा कर दिया था। बताया जाता है कि माली हालत को ठीक करने के लिए इस संगठन ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले 80 लाख लोगों पर कर की दरों को बढ़ा दिया है। इसके अलावा अपहरण, फिरौती, मानव तस्करी, हथियारों और नशे के कारोबार के जरिए यह अथाह दौलत कमा रहा है। 

रैंड कॉर्पोरेशन के मुताबिक इस्लामिक स्टेट साल 2008 में हर महीने 5 से 9 लाख डॉलर कमा रहा था। साल 2009 में कमाई 10 लाख डॉलर प्रति माह हो गई। साल 2014 में आईएसआईएस हर दिन 30 लाख डॉलर कमाने लगा। इस साल उसकी कुल कमाई करीब 2 अरब अमरीकी डॉलर थी। अल कायदा जैसे संगठन अमीर और हमदर्द मुस्लिमों से गुप्त दान भी मिल रहा था।  इस संगठन के मुखिया बगदादी की कमाई का मुख्य जरिया तेल ही था। तेल को रिफाइनरी से टैंकरों में भरकर तुर्की बॉर्डर पर ले जाकर दलालों को बेचा जाता था। अमरीकी और उसके मित्र देशों के विमानों ने उसके कई तेल संयंत्र नष्ट कर दिए।

यदि 2013-14 की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के इस अवधि में आईएसआईएस को दानदाताओं से 4 करोड़ डॉलर मिले थे। 2014 में अपहरण उद्योग से इसने करीब 4.5 करोड़ कमाए थे। कृषि से सालाना 20 करोड़ और फॉस्फेट, सल्फर जैसे प्राकृतिक संसाधन से यह 30 करोड़ डॉलर कमाता था। इस संगठन की कमाई का एक और साधन पुरातात्विक अवशेषों की बिक्री भी रहा है। आईएसआईएस ने कई प्राचीन शहरों पर कब्जा किया हुआ है। अनुमान है कि उसके कब्जे में 4,500 सांस्कृतिक स्थल हैं। वहां रखी मूर्तियों-कलाकृतियों को बगदादी के जेहादी यूरोप से लगे इलाकों में बेच देते हैं। रीयल इस्टेट के धंधे से खूब कमाई कर रहा है। अल्पसंख्यकों और यजीदी जैसे समुदाय की लड़कियों का अपहरण कर उन्हें सेक्स-गुलाम की तरह नीलाम करता है। आतंकी ही इनकी बोली लगाते हैं। इससे इस्लामिक स्टेट को अच्छी-खासी आमदनी होती है।

आईएसआईएस एक व्यवस्था के तहत काम करता है। यह अपना बकायदा सलाना बजट तैयार करता है। अपने अकाउंट्स की देखभाल के लिए चीफ फाइनेंसशियल आॅफिसर की सेवाएं ली जाती है। आईएसआईएस का अपना केंद्रीय बैंक भी है ओर यह अपनी करेंसी शुरू कर सकता है। मोटी कमाई करने के बाद आईएसआईएस के इरादे उतने ही खतरनाक हो जाएं इसमें दो राय नहीं है। आने वाले दिनों में इसके खूनी खेल बढ़ सकते हैं।

 
 

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