बॉर्डर पर सेना की बढ़ेगी ताकत, 5,500 सीसीटीवी, निगरानी उपकरणों के लिए 30 करोड़ रुपए की मिली मंजूरी

Edited By Pardeep,Updated: 30 Nov, 2022 09:44 PM

rs 30 cr sanctioned for 5 500 cctvs surveillance equipment on border bsf dg

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख ने बुधवार को बताया कि सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगने वाली भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात अर्द्धसैन्य बलों की मदद के मकसद से कैमरे, ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों की खरीद के वास्ते 30 करोड़ रुपये...

नई दिल्लीः सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख ने बुधवार को बताया कि सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगने वाली भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात अर्द्धसैन्य बलों की मदद के मकसद से कैमरे, ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों की खरीद के वास्ते 30 करोड़ रुपये की निधि को मंजूरी दी है और बल सीमावर्ती इलाकों में 5,500 सुरक्षा कैमरे तैनात कर रहा है। 

बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने दोहराया कि पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) के पास ड्रोन की अवैध गतिविधियां उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस समय बल के पास मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के खतरे से निपटने के लिए पुख्ता प्रणाली या समाधान ‘‘नहीं है''। उन्होंने बीएसएफ के 58वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहरहाल, हम आने वाले समय में समाधान ढूंढ लेंगे। हम बड़ी संख्या में ड्रोन का पता लगा रहे हैं और उन्हें निष्क्रिय कर रहे हैं।''' 

सिंह ने कहा, ‘‘हमने सीमावर्ती इलाकों में बहुत बड़े पैमाने पर निगरानी बढ़ाने की कोशिश की है। इसमें पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं (क्रमशः पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमाओं) पर निगरानी कैमरों और ड्रोन का इस्तेमाल शामिल है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगभग 5,500 सीसीटीवी निगरानी कैमरे और कुछ अन्य उपकरण मिले हैं और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये की निधि को मंजूरी दी है।'' 

सिंह ने कहा कि बीएसएफ ने भी कुछ ‘‘कम लागत वाले प्रौद्योगिकी समाधान'' विकसित किए हैं जो सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रभावी निगरानी करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले यही उपकरण बहुत महंगे होते हैं और इसलिए अब ‘‘हमारे पास स्वयं बनाए गए कम लागत वाले सेंसर और निगरानी उपकरण हैं।'' महानिदेशक ने कहा कि उनके बल के जवान पाकिस्तान से भारत में घुसने वाले ड्रोन का पता लगाने और उन्हें मार गिराने में पहले से और अधिक दक्ष होते जा रहे हैं। 

बीएसएफ प्रमुख ने दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर हाल में हुए रैंसमवेयर हमले का हवाला देते हुए कहा कि बीएसएफ जैसी सुरक्षा एजेंसी के सामने पुख्ता साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि अब जब 5जी तकनीक आ रही है तो यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है कि हमारी प्रणालियां सुरक्षित रहें। सिंह ने कहा कि बल ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी)के पास भी ‘‘सुरक्षा मजबूत'' की है। 

उन्होंने पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ की घटनाओं के बारे में कहा कि बल यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास कर रहा है कि आतंकवादी घुसपैठ नहीं कर पाएं। उन्होंने बताया कि सीमा पार से देश में घुसने वाले अधिकतर ड्रोन चीन निर्मित हैं। 

सिंह ने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा संबंधी स्थिति अच्छी है लेकिन बिना दस्तावेजों के भारत में सीमा पार से लोगों के आने की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस सीमा से नशीले पदार्थों और हथियारों समेत अन्य वस्तुओं की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन कुल मिलाकर स्थिति अच्छी है। 

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