Edited By rajesh kumar,Updated: 31 May, 2023 08:24 PM

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अव्यक्त तपेदिक (लेटेंट ट्यूबरक्लोसिस) का पता लगाने वाले अपने सीवाई-टीबी इंजेक्शन के ‘इन-हाउस' परीक्षण की अनुमति देने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया है।
नेशनल डेस्क: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अव्यक्त तपेदिक (लेटेंट ट्यूबरक्लोसिस) का पता लगाने वाले अपने सीवाई-टीबी इंजेक्शन के ‘इन-हाउस' परीक्षण की अनुमति देने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ‘अव्यक्त टीबी' से संक्रमित व्यक्तियों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं और यह संक्रमित व्यक्तियों से अन्य व्यक्तियों में नहीं फैल सकती है। इसका इलाज नहीं मिलने पर उन व्यक्तियों में बाद में टीबी की बीमारी हो सकती है।
एसआईआई ने कहा है कि इस उत्पाद के लिए परीक्षण की सुविधा देश की किसी भी सरकारी प्रयोगशाला में उपलब्ध नहीं है। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में एक पत्र एसआईआई के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने लिखा है। सिंह ने पत्र में लिखा है भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 9 मई, 2022 को सीवाई-टीबी इंजेक्शन के बाजार अनुज्ञप्ति को मंजूरी दे दी थी, लेकिन मंजूरी के एक साल बाद भी, भारत में किसी भी सरकारी प्रयोगशाला में परीक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण सीवाई-टीबी बाजार में उपलब्ध नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, ऐसी जानकारी मिली है कि सिंह ने यह भी उल्लेख किया है कि सीवाई-टीबी अव्यक्त टीबी का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार को इसके ‘इन-हाउस' परीक्षण की अनुमति देनी चाहिए ताकि भारत और दुनिया में बड़े पैमाने पर टीका उपलब्ध कराया जा सके। डीजीसीए ने एसआईआई के सीवाई-टीबी टीके के लिए बाजार अनुज्ञप्ति प्रदान किया था, जिसका उपयोग 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों के लिए अव्यक्त टीबी का पता लगाने के वास्ते त्वचा परीक्षण के लिए किया जा सकता है। सरकार ने कहा है कि भारत 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।