भारतीय शिक्षा मंडल के तत्वावधान में पंजाब के 14 प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों (HEI) ने ‘रिसर्च फॉर रिसर्जेंट पंजाब‘ का गठन किया

Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Dec, 2023 06:04 PM

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पंजाब के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय शिक्षा परिषद (बीएसएम) की छत्रछाया में आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूपनगर (आईआईटी रोपड़) में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों ने ‘रिसर्च फॉर...

* आर.आर.पी पंजाब की प्रमुख समस्याओं और मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे
* आई.आई.टी रोपड़ और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित पंजाब के चैदह एच. ईआई (उच्च शिक्षण संस्थान) ने बीएसएम की अगुवाई में ‘रिसर्च फॉर रिसर्जेंट पंजाब‘ का गठन

पंजाब के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय शिक्षा परिषद (बीएसएम) की छत्रछाया में आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूपनगर (आईआईटी रोपड़) में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों ने ‘रिसर्च फॉर रिसर्जेंट पंजाब‘ (आरआरपी) का नेतृत्व किया। इस सभा का उद्देश्य पंजाब के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए चैतरफा समाधान विकसित करना है। वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान, सामाजिक विज्ञान और मानव मूल्यों पर जोर देने के साथ, आरआर पी इस क्षेत्र की प्रगति में एक परिवर्तनकारी एजेंट बनने के लिए तैयार है। यह उल्लेखनीय है कि आर.आर.पी में  आईआईटीं रोपड़ सहित 14 शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों का गठबंधन शामिल है।

आरआरपी पंजाब के सर्वांगीण विकास और प्रगति के मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन संस्थानों की विशेषज्ञता, सुविधाओं और सहयोगी शक्ति का लाभ उठाकर, आरआरपी का उद्देश्य क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करना है। इस अवसर पर इंदर कुमार गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कपूरथला के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर राजिंदर कुमार पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर रजनीश अरोड़ा, प्रोफेसर राघवेंद्र पी तिवारी, आईपी तिवारी, आई.आई.टी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा और भारतीय शिक्षा मंडल के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री शंकरानंद जी सहित खोज और अकादमिक क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों के नेतृत्व में रिसर्च फॉर रिसर्जेंट पंजाब (आरआरएफ) अनुसंधान और विकास के लिए एक समग्र और सामूहिक दृष्टिकोण का वादा करता है।

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यह पंजाब में अपनी तरह का पहला सहयोग है, जिसका नेतृत्व प्रतिष्ठित संस्थानों और शैक्षिक विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है, जो विशेष रूप से नशीली दवाओं के दुरुपयोग, प्रवास, जल, मिट्टी और वायु प्रदूषण जैसे प्रचलित मुद्दों से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। यह पंजाब की चुनौतियों से निपटने के लिए अकादमिक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दिमागों और संसाधनों को एक मंच पर लाता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान और मानव मूल्यों को शामिल करने वाले एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ, आरआरपी का उद्देश्य क्षेत्र और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए एक व्यापक सकारात्मक बदलाव लाना है।

श्री रजनीश अरोड़ा, पूर्व कुलपति, आईकेजीपीटीयू कपूरथला ने कहा कि सार्वभौमिक मानव मूल्य (यूएचवी) और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) मूल्य-आधारित शिक्षा और इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं में इसके एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्होंने इसके एकीकरण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।

कंसोर्टियम के सदस्यों को संबोधित करते हुए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति राघवेंद्र पी. तिवारी ने कहा कि कौशल शिक्षाः स्वदेशी कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना, छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और युवाओं के बीच उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देनाए उन्हें रोजगार निर्माता बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

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भारतीय शिक्षा परिषद के श्री शंकरानंद जी ने अनुसंधान गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से पंजाब और भारत-विशिष्ट चुनौतियों के महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने में। उन्होंने कहा कि आईकेएस और समाधान आधारित शोध के संदर्भ में शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए सभी संस्थानों को सभी प्रकार का समर्थन प्रदान किया जाएगा, भारतीय शिक्षा बोर्ड 14 संस्थानों के इस समूह को बनाने के लिए सभी प्रकार का समर्थन प्रदान करेगा।

आरआरपी में 14 शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों का एक संघ शामिल है, जिसमें आईआईटी, रोपड़, सीयू पंजाब, एनआईटी जालंधर, पंजाब विश्वविद्यालय, एनआईटीटीटीआर, सेलाइट लोंगवाल, आईकेजीपीटीयू, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़, आईआईएम, अमृतसर, जीएनए विश्वविद्यालय, पंजाबी विश्वविद्यालय और अन्य शामिल हैं। इन संगठनों के सामूहिक प्रयास नशीली दवाओं के दुरुपयोग, पलायन, जल, मिट्टी और वायु प्रदूषण जैसे प्रचलित मुद्दों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आईआईटी रोपड़ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान का नेतृत्व करने के लिए सहमति व्यक्त की है जबकि सीयू ने  सामाजिक विज्ञान और विज्ञान में सहमति प्रगटाई


 

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