Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2021 09:49 PM
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने कोयला खदानों के विकास के लिये बिजली और कोयला मंत्रालयों को एक योजना तैयार करने और मुख्य रूप से विद्युत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) के तहत विशेष...
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने कोयला खदानों के विकास के लिये बिजली और कोयला मंत्रालयों को एक योजना तैयार करने और मुख्य रूप से विद्युत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) के तहत विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) स्थापित करने का सुझाव दिया है।
ऊर्जा पर संसद की स्थायी समिति ने बृहस्पतिवार को संसद में अपनी 18वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति चाहती है कि दोनों मंत्रालय- बिजली और कोयला, इस मामले में मिलकर काम करें और संयुक्त रूप से एक रणनीति तैयार करें और प्रत्येक सीपीएसयू के दायरे में एक विशेष इकाई या एक एसपीवी स्थापित करें, जो निर्धारित कोयला ब्लॉक को विकसित कर उपयोग करें।’’
रिपोर्ट के अनुसार बिजली क्षेत्र के इन उपक्रमों को कोयला खनन के क्षेत्र में कोई पिछला अनुभव नहीं था, लेकिन उन्होंने कोयले की कमी के चलते इन ब्लॉकों के लिए आवेदन किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि चूंकि कोयला ब्लॉक का विकास और खनन एक जटिल विषय है, जिसके लिए सीपीएसयू के पास पूरी तरह से विशेषज्ञता नहीं है, इसलिए समिति ने कोयला मंत्रालय से भी आग्रह किया है कि वह उन केंद्रीय उपक्रमों को आगे बढ़ाने का प्रयास करे, जिन्हें कोयला खदानें आवंटित की गई हैं, लेकिन वे काम बढ़ाने में असमर्थ हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न कानून के तहत बिजली क्षेत्र को कुल 65 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।