फरवरी में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Mar, 2023 04:59 PM

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नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी में घरेलू आर्थिक गतिविधियों और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के बल पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी में घरेलू आर्थिक गतिविधियों और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के बल पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया।

हालांकि, जनवरी की तुलना में फरवरी में जीएसटी राजस्व में गिरावट आई है। जनवरी, 2023 में 1.57 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था, जो अबतक का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। अप्रैल, 2022 में एकत्रित 1.68 लाख करोड़ रुपये जीएसटी का सर्वोच्च स्तर है।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को फरवरी, 2023 के जीएसटी संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में 28 दिन ही होने से अमूमन जीएसटी संग्रह अन्य महीनों की तुलना में कम होता है।

हालांकि, इस महीने में उपकर के तौर पर 11,931 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जो जीएसटी लागू होने के बाद का सर्वाधिक स्तर है।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘फरवरी, 2023 में कुल जीएसटी संग्रह 1,49,577 करोड़ रुपये रहा है। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 27,662 करोड़ रुपये है जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 34,915 करोड़ रुपये है। वहीं एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के मद में 75,069 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं। इसके अलावा 11,931 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है।’’
एक साल पहले के समान महीने में जीएसटी संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह फरवरी, 2023 में जीएसटी कर संग्रह सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ा है।

यह लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी का मासिक राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

केपीएमजी के भारत में साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि घरेलू बाजार के भीतर बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। उन्होंने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत भी बताया।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इस महीने में वस्तुओं के आयात से मिलने वाले राजस्व के बजाय घरेलू कारोबार से मिलने वाले कर में वृद्धि हुई है। उन्होने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीजीएसटी संग्रह लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

एन ए शाह एसोसिएट्स के पराग मेहता ने कहा कि उपभोक्ताओं की तरफ से महंगे उत्पादों पर व्यय बढ़ा है जिसका नतीजा कर संग्रह वृद्धि के रूप में सामने आया है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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