Edited By ,Updated: 07 Mar, 2017 09:54 AM
केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े कमर्शियल बैंक भारतीय स्टेट बैंक सहित सरकारी एवं प्राइवेट बैंकों ....
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े कमर्शियल बैंक भारतीय स्टेट बैंक सहित सरकारी एवं प्राइवेट बैंकों से निर्धारित संख्या से अधिक बार कैश ट्रांजैक्शन करने पर शुल्क लगाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। सूत्रों ने कहा कि सरकार इनको लेकर प्रैशर में है और स्टेट बैंक से सेविंग अकाऊंटों पर मिनीमम डिपॉजिट अमाऊंट बढ़ाने के निर्णय पर भी पुनर्विचार करने के लिए कहा गया है। स्टेट बैंक के साथ ही प्राइवेट बैंकों आई.सी.आई.सी.आई. बैंक और एच.डी.एफ.सी. बैंक से भी निर्धारित संख्या से अधिक बार कैश ट्रांजैक्शन तथा ए.टी.एम. विद्ड्राल पर शुल्क लगाने के निर्णय की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
सेविंग अकाऊंट्स में मिनीमम सरप्लस लिमिट बढ़ाएगा एस.बी.आई.
भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) ने आगामी 1 अप्रैल से सेविंग अकाऊंटों में मिनीमम सरप्लस पैसे की लिमिट कई गुना बढ़ाने का निर्णय किया है जिससे पैंशनभोगी और छात्र-छात्राओं सहित उसके मौजूदा 31 करोड़ अकाऊंट होल्डर प्रभावित होंगे। एस.बी.आई. ने 6 महानगरों की अपनी शाखाओं में सेविंग अकाऊंटों में मंथली एवरेज सरप्लस (एम.ए.बी.) की अपेक्षित लिमिट बढ़ाकर 5,000 रुपए करने का निर्णय किया है। इसका असर उसके सहायक बैंकों के अकाऊंट होल्डरों पर भी होगा जिनका एस.बी.आई. में 1 अप्रैल को मर्जर होने जा रहा है। एस.बी.आई. और उसके सहायक बैंकों के अकाऊंट होल्डरों पर भी मिनीमम सरप्लस की यह लिमिट लागू होगी। सरप्लस घटने पर ग्रामीण शाखाओं के अकाऊंट होल्डरों पर जहां 20 रुपए, महानगर के अकाऊंट होल्डरों पर 100 रुपए का जुर्माना लगेगा। अभी सेविंग बैंक अकाऊंटों पर मंथली एवरेज बिना चैक बुक की सुविधा के 500 रुपए और चैक बुक सुविधा के साथ 1000 रुपए है।
स्टेट बैंक जुर्माना लगाने का निर्णय वापस ले
वहीं स्टेट बैंक से 1 अप्रैल से बढ़ाए गए मिनीमम डिपॉजिट नहीं रखने वालों पर जुर्माना लगाने के निर्णय को भी वापस लेने के लिए कहा गया है। बैंकों ने हाल ही में घोषणा की थी कि वे सेविंग अकाऊंट होल्डरों पर महीने में 4 से 5 बार से अधिक कैश ट्रांजैक्शन करने पर 150 रुपए का शुल्क वसूलेंगे। स्टेट बैंक ने महानगरों में सेविंग अकाऊंटों में मिनीमम डिपॉजिट राशि की लिमिट बढ़ाकर 5,000 रुपए, शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपए, अद्र्धशहरी क्षेत्रों में 2,000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में इसे 1,000 रुपए करने का ऐलान किया है। ये सभी निर्णय 1 अप्रैल से प्रभावी होने हैं।