GST से पहले ट्रांसपोर्टर परेशान, जानिए क्या है वजह?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jun, 2017 04:54 PM

transporter disturbed before gst

जी.एस.टी. लागू होते ही देश में ट्रांसपोर्टरों के लिए हर सामान और हर ट्रक के लिए एक ...

नई दिल्लीः जी.एस.टी. लागू होते ही देश में ट्रांसपोर्टरों के लिए हर सामान और हर ट्रक के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक बिल जेनरेट करना होगा। ट्रांसपोर्टरों को शिकायत है कि इस बिल के कारण स्पीड कम होगी और लागत बढ़ जाएगी। लिहाजा छोटे ट्रांसपोर्टरों को इससे छूट दे दी जाए।
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हर बार जनरेट करना होगा ई-वे बिल
सरकार जी.एस.टी. लागू होने के साथ ही ई-वे बिल के नियम लागू करना चाहती है जिससे 50000 रुपए से ज्यादा के माल के मूवमेंट पर सप्लायर को जानकरी जी.एस.टी.एन. पोर्टल में दर्ज करानी होगी और ई-वे बिल जनरेट करना होगा। यह बिल उन वस्तुओं के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जी.एस.टी. के दायरे में नहीं आते हैं। ई-वे बिल के कुछ नियमों से ट्रांसपोर्टर्स को शिकायत है। जैसे हर बार गाड़ी बदलते वक्त नया ई-वे बिल जनरेट करना होगा। हर कंसाइसमेंट के लिए अलग बिल होगा भले ही वो एक ट्रक से जा रहा हो और ई-वे बिल के बावजूद ड्राइवर को अपने पास सामान के इनवॉयस ओर ई-वे बिल की हार्ड-कॉपी रखनी होगी।

क्या चाहते हैं ट्रांसपोर्टर 
सरकार कहती है कि जी.एस.टी. के कारण सामान तेजी से एक से दूसरी जगह पर जा पाएगा लेकिन चूंकि टैक्स अफसरों को कहीं भी गाड़ी रोककर बिल मांगने और सामान जांचने का अधिकार दिया गया है इसलिए स्पीड कम होगी और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। ट्रांसपोर्टरों को इस बात से भी शिकायत है कि जितने राज्यों में बिजनेस होगा, उतनी जगह पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। इस पर भी अतिरिक्त खर्च लगेगा। ट्रांसपोर्टर चाहते हैं 5 लाख तक के सामान के लिए बिल जेनरेट करने से छुट्टी दे दी जाए।फिलहाल ये छूट सिर्फ 50 हजार तक के सामान पर है।
 

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