Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 06:01 PM
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित बदसलूकी प्रकरण को लेकर सरकार और अधिकारियों के बीच मामला जल्द सुलझने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों के संयुक्त मंच ने मांग की है कि इस घटना के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले लिखित माफी मांगे...
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित बदसलूकी प्रकरण को लेकर सरकार और अधिकारियों के बीच मामला जल्द सुलझने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों के संयुक्त मंच ने मांग की है कि इस घटना के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले लिखित माफी मांगे और उसके बाद ही बातचीत की जाएगी।
अधिकारियों के संयुक्त मंच ने आज विरोध स्वरूप बाजू पर काली पट्टी बांधी। मंच की तरफ से संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता पूजा जोशी ने बताया कि यह फैसला लिया गया है कि इस घटना पर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री जब तक माफी नहीं मांगते हैं तब तक कोई बातचीत नहीं की जाएगी। जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गलती स्वीकार करने की बजाय घटना को ही नकारने में जुटे हुए हैं। यह गलत है और इससे साफ झलकता है कि दोनों इस साजिश का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुय सचिव के साथ बदसलूकी गंभीर मामला है और इसकी गंभीरता को देखते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से मांग की जायेगी की मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री लिखित में माफी मांगे, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री घटना पर माफी मांगने की बजाय इससे इंकार कर रहे हैं जो यह दिखाता है कि वे षडयंत्र का हिस्सा हैं।Þ प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना के बावजूद मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अधिकारियों के खिलाफ बदसलूकी और भडकाऊ भाषण देने से बाज नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जब तक इस घटना पर लिखित में माफी नहीं मांगते, अधिकारी केवल लिखित में ही संवाद करेंगे।
गौरतलब है कि 19 फरवरी की मध्य रात्रि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर यह घटना हुई। मुख्य सचिव की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और आप के दो विधायक अमानतुल्ला खां और प्रकाश जरवाल गिरफ्तार किए गए हैं जो इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। इस घटना के बाद से ही सरकार और अधिकारियों के बीच खींचतान चल रही है। अधिकारी किसी भी मंत्री की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है।
इस मसले पर मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के साथ उपराज्यपाल से शुक्रवार को मुलाकात की थी। उपराज्यपाल ने बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों से अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार करने को कहा था। बाद में सरकार की तरफ से कहा गया था कि अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और इसके लिए मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने मामला सुलझाने के लिए न्योता दिया था।