केजरीवाल और सोमनाथ भारती के खिलाफ फैसला नहीं देगा उच्च न्यायालय!

Edited By ,Updated: 26 Sep, 2016 07:38 PM

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दिल्ली सरकार ने आज उच्च न्यायालय में दावा किया कि कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 2014 के प्रदर्शन ...

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने आज उच्च न्यायालय में दावा किया कि कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 2014 के प्रदर्शन के दौरान सत्तारूढ़ आप द्वारा पैदा कथित अराजकता के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व विधि मंत्री सोमनाथ भारती पर मुकदमा चलाने की मंजूरी की मांग वाली याचिका ‘‘विचार योग्य’’ नहीं है।

दिल्ली सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा से कहा, ‘‘एक निजी व्यक्ति द्वारा दायर यह गंभीरता से विचार नहीं करने योग्य याचिका है। इस तरह की याचिका पर विचार नहीं होना चाहिए क्योंकि यह विचारणीय नहीं है।’’ वकील ने कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या तीन और चार (केजरीवाल और भारती) पर मुकदमा चलाने की मंजूरी किसी निजी व्यक्ति के आग्रह पर नहीं दी जा सकती।’’

दिल्ली सरकार की आेर से पेश वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह दीवानी रिट याचिका है और इस तरह के निर्देश की मांग केवल फौजदारी रिट याचिका के जरिए की जा सकती है। वकील ने कहा, ‘‘इस आधार पर ही रिट याचिका खारिज की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को यह भी सिद्ध करना होगा कि 21 जनवरी 2014 को एेसा करके प्रतिवादियों ने कोई अपराध किया या नहीं। सरकार दिल्ली निवासी अजय गौतम की याचिका पर जवाब दे रही थी।

गौतम ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और भारती ने 21 जनवरी 2014 को रेल भवन के पास सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन किया और धरना देकर देश के कानून का उल्लंघन किया। याचिका में पूछा गया कि क्या तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी आप के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक सडकों तथा मेट्रो स्टेशनों को बंद करके ‘‘हंगामा’’ करने को प्रदर्शन के नाम पर सभ्य समाज में अनुमति मिलनी चाहिए। 

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