Edited By ,Updated: 02 Feb, 2017 03:55 PM
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी पार्टी के लोकसभा सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर नोटबंदी के विरोध के कारण ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए आज राज्यसभा से वाकआउट किया।
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी पार्टी के लोकसभा सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर नोटबंदी के विरोध के कारण ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए आज राज्यसभा से वाकआउट किया। सरकार ने हालांकि उनके इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक आे ब्रायन ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही नोटबंदी का विरोध करती आई है और यही वजह है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताआें को ‘‘भयभीत’’ करने के लिए उनके पीछे अपनी जांच एजेंसियों को लगा रही है।
उन्होंने कहा कि आठ नवंबर 2016 को 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अमान्य किए जाने के बाद सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था। उनकी पार्टी ने 24 नवंबर को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते सत्ता पक्ष की आेर से की जाने वाली कार्रवाइयों का कड़ा विरोध किया था। ‘‘लेकिन वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। लोकसभा में तृणमूल के नेता को (सीबीआई ने) तीन जनवरी को बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।’’ डेरेक आे ब्रायन ने आशंका जताई कि 15-16 विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ भी एेसा हो सकता है।