Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 12:51 PM
मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहका गया है कि एक दिसंबर से नए बिकने वाली सभी फोर व्हीलर में फास्टैग लगाना अनिवार्य है। इसकी जिम्मेदारी मैन्युफैक्चरर के साथ ऑथराइज्ड डीलर की भी होगी
नई दिल्ली: एक दिसंबर से हर नाए फोर व्हीलर पर फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह जिम्मेदारी व्हीकल बनाने वाले मैन्युफैक्चरर या बेचने वाले ऑथराइज्ड डीलर की होगी। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन के जरिए इसकी जानकारी दी है। फास्टैग एक डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल रेडियो फ्रीकवेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी के रूप में टोल प्लाजा पर पेमेंट के लिए किया जाता है। इससे टोल लोगों का समय बचेगा।
सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में सुधारों के तहत सरकार ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहका गया है कि एक दिसंबर से नए बिकने वाली सभी फोर व्हीलर में फास्टैग लगाना अनिवार्य है। इसकी जिम्मेदारी मैन्युफैक्चरर के साथ ऑथराइज्ड डीलर की भी होगी।
वाहनों को टोल नहीं होगा रुकना
फास्ट टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग की तरह है, जिसे व्हीकल के साइड स्क्रीन पर लगाया जाता है। इसे समय-समय पर रिचार्ज कराया जा सकता है। इसके लगे रहने का फायदा यह है कि व्हीकल के टोल प्लाजा से होकर गुजरने के दौरान इस टैग के जरिए टोल पर व्हीकल की पहचान हो जाती है। जितना टोल पेमेंट देना होता है, उतनी राशि का टैग के जरिए खुद ब खुद पेमेंट हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि एेसे वाहनों को टोल पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।
चलन में हैं 370 टोल प्लाजा
इससे पहले फास्टैग नेशनल हाईवे पर 370 टोल प्लाजा पर पहले से ही चलन में है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम के तहत यह सुविधा है कि एक ही फास्टैग का इस्तेमाल देशभर में किसी भी टोल प्लाजा पर किया जा सकता है। सरकार ने हर टोल प्लाजा पर फास्ट टैग लगे वाहनों के लिए पहले ही अलग लेन तय करने का फैसला किया है।