Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 05:06 PM
पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव से मिलने गई उनकी मां एवं पत्नी को मंगलसूत्र, चूडिय़ां, बिंदी और जूतियां उतारने और कपड़े बदलने पर मजबूर किया गया जिस पर भारत ने आज कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार दोनों...
नई दिल्ली: पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव से मिलने गई उनकी मां एवं पत्नी को मंगलसूत्र, चूडिय़ां, बिंदी और जूतियां उतारने और कपड़े बदलने पर मजबूर किया गया जिस पर भारत ने आज कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार दोनों देशों के बीच बनी सहमति का उल्लंघन है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कल हुई इस मुलाकात के बारे में अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाए गए तौर तरीकों एवं माहौल को ‘डरावना’ करार दिया। उन्होंने कमांडर जाधव की पत्नी की जूतियां वापस नहीं लौटाये जाने पर पड़ोसी देश को आगाह किया कि अगर उसने इसे लेकर कोई भी शरारतपूर्ण हरकत की तो यह ठीक नहीं होगा।
जाधव की मां को नहीं बोलने दी मराठी
कुमार ने कहा कि सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान सरकार ने परिवार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं का अपमान किया है और उनके मंगलसूत्र, चूडिय़ां और बिन्दी तक हटाने के साथ-साथ पोशाक भी बदलने को मजबूर किया जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने बताया कि जाधव की मां को मातृभाषा मराठी में नहीं बोलने दिया गया जो उनके लिए बोलचाल का स्वाभाविक माध्यम है। यही नहीं पूरी मुलाकात में जब भी उन्होंने मराठी में कुछ कहा तो उनके साथ टोकाटाकी की गयी और बाद में उन्हें मराठी बोलने से रोक दिया गया। बैठक के बाद कमांडर जाधव की पत्नी की जूतियां वापस नहीं कीं गयीं। उन्होंने पाकिस्तान को आगाह किया कि वह इसे लेकर कोई शरारतपूर्ण हरकत करने से बाज आए।
मुलाकत के दौरान तनाव में था जाधव
प्रवक्ता ने बताया कि पता चला कि बैठक के दौरान जाधव बहुत तनाव में थे और दमनात्मक वातावरण में बोल रहे थे। साफ पता चल रहा था कि पाकिस्तान में उनकी कथित गतिविधियों को लेकर उनकी अधिकतर टिप्पणियां पाकिस्तानी पक्ष को साबित करने के उद्देश्य से उनसे जबरन बुलवाई गई थी। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से यह मुलाकात संचालित की गयी, वह साफतौर पर जाधव की कथित गतिविधियों को लेकर बेबुनियाद एवं झूठे आरोपों को सही साबित करने का प्रयास था और इस पूरी कवायद की कोई विश्वसनीयता नहीं है।