ISIS के चंगुल से छूटे डॉक्टर ने सुनाई आपबीती, बोले-जबरदस्ती दिखाते थे हिंसक वीडियो

Edited By ,Updated: 26 Feb, 2017 09:58 AM

indian doctor ramamurthy kosanam freed from  isis in libya

18 महीने पहले लीबिया में ISIS द्वारा अगवा किए गए भारतीय डॉक्टर राममूर्ति कोसानाम ने आतंकियों के चुंगल से आजाद होने के आपबीती सुनाई।

नई दिल्लीः 18 महीने पहले लीबिया में ISIS द्वारा अगवा किए गए भारतीय डॉक्टर राममूर्ति कोसानाम ने आतंकियों के चुंगल से आजाद होने के आपबीती सुनाई। रामामूर्ति ने आतंकियों से जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए और अधिकारियों का आभार जताया है। उन्होंने बताया कि 10 दिन के भीतर उन्हें 3 बार गोली मारी गई क्योंकि वह उनका कहना नहीं मानते थे। ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर जबरदस्ती ले जाते और उनके साथियों की सर्जरी करने के लिए फोर्स किया जाता। उन्हें वजू करना और नमाज पढ़ना सिखाया। जबरदस्ती हिंसक वीडियो दिखाए गए। जिन्हें देख पाना उनके लिए बहुत मुश्किल था।
 

भारत के बारे में थी जानकारी
आतंकी काफी पढ़े-लिखे थे और भारत के बारे में काफी कुछ जानते थे। पूरा घटनाक्रम बताते हुए राममूर्ति ने कहा कि एक दिन वो उनके पास आए और अपने साथ चलने को कहा। उनके साथ एक और भारतीय था। वो हम दोनों को शिर्त में उनकी सेंट्रल जेल में ले गए। वहां मेरी दो अन्य भारतीयों से मुलाकात हुई जिन्हें शिर्त में अन्य जगह से पकड़ा गया था। वो लोग जेल में पिछले दो महीने से थे। आतंकी मुझे अपने वीडियो देखने को मजबूर करते और बताते की उन्होंने इराक, सीरिया और नाइजीरिया के साथ क्या किया, उन्हें देखना मुश्किल था।
 

जबरदस्ती देते थे इस्लाम की शिक्षा
राममूर्ति के अनुसार वो हमें इस्लाम की शिक्षा देते और बताते कैसे दिन में पांच बार नमाज अता करते हैं। कुछ समय बाद किसी करण से वो हमें एक अन्य जेल में ले गए जो अंडरग्राउंड थी। एक महीने बाद फिर हमारी जगह बदली गई। वहां हम कुछ लोगों से मिले जो तुर्क, कोरियन और दूसरे देशों के थे। इस दोरान आईएस के लोग हमें इस्लाम के बारे में बताते रहे। जब लीबिया के सेना ने युद्ध की घोषणा की तो हर तरफ बमबारी हो रही थी जिसके चलते वो कैदियों की जगह बदलते रहते थे। डॉक्टर के अनुसार पिछले साल रमजान के दौरान आतंकियों ने मुझे उनके साथियों का इलाज करने के लिए कहा। मैंने उनसे कहा कि मुझे ऑपरेशन करना नहीं आता।
 

उन्होंने मुझे शिर्त में एक अस्पताल में काम पर लगाया और इस दौरान मुझे हाथ और पैर में गोली लगी। इसके बाद आईएस के मुख्य डॉक्टर ने मेरा इलाज किया और मैं तीन हफ्ते तक आईसीयू में रहा। बता दें कि विदेस मंत्री सुषमा स्वराज ने 21 फरवरी को ट्वीट कर बताया था, "लीबिया में बंधक बनाए गए सभी छह भारतीयों को रिहा करा लिया गया है।"  "बंधकों में डॉ. राममूर्ति कोसानम भी हैं, जिन्हें गोली लगी। उन्हें जल्द ही भारत लाया जा रहा है।" "सुषमा ने लीबिया में भारतीय मिशन की इस मामले में तारीफ की थी।"

 

 

 

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