Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 02:58 PM
नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच लड़ाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ऐसी कानाफूसी चल रही है।
नई दिल्ली: नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच लड़ाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ऐसी कानाफूसी चल रही है कि जनता दल (यू) का नीतीश गुट शरद यादव के खिलाफ उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पास औपचारिक रूप से शिकायत दायर करेगा तथा राज्यसभा से उनको अयोग्य करार देने की मांग करेगा।
शरद यादव का राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल 2022 तक है। उनकी सदस्यता पर निशाना साधने का उद्देश्य उन्हें चुप करवाना है। शरद राजग और भाजपा सरकार के खिलाफ राज्यसभा के भीतर व बाहर बोलते हैं। नीतीश गुट महसूस करता है कि यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है और उनको अयोग्य करवाने के लिए आचार कमेटी को मामला सौंपने का उचित समय है। शरद यादव गुट का कहना है कि वह खुद 11 अगस्त तक राज्यसभा में संसदीय पार्टी के नेता रहे हैं। संसद सत्र 11 अगस्त को खत्म हुआ है।
पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की तरफ से बिहार इकाई के राजग में शामिल होने के संबंध में सरकार के पक्ष में बोलने का कोई व्हिप जारी नहीं किया गया। इसकी बजाय नीतीश ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी या संसदीय बोर्ड की मंजूरी के बिना अचानक राजग में शामिल होने का फैसला कर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया है। शरद यादव जानते हैं कि भाजपा नीतीश को खुश रखने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है इसलिए उन्होंने नीतीश कुमार या जद (यू) पर हमला न करने का फैसला किया।